मध्य प्रदेश स्थित इंदौर के एक इसे दंपति पर आरोप लगा है कि उसने 400 से भी अधिक लोगों के धर्मांतरण का प्रयास किया। ये घटना तेजाजी नगर की बताई जा रही है। आरोप है कि नया साल 2022 की रात न्यू ईयर पार्टी के नाम पर उक्त दंपति ने 400 आदिवासियों को जुटाया था। लेकिन, ‘हिन्दू जागरण मंच’ के कार्यकर्ताओं को इसकी भनक लग गई और उन्होंने मौके पर पहुँच कर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के पहुँचने पर ईसाई दंपति वहाँ से भाग निकले।
‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, पुलिस ने उक्त ईसाई दंपति के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। हालाँकि, अपनी सफाई में आरोपितों का कहना है कि वो दावत देकर गरीबों को भोजन करा रहे थे। TI आरडी कान्वा ने जानकारी दी है कि जहाँ पुरुष का नाम मनीष है, वहीं उसकी पत्नी का नाम मनीषा है। ये दोनों अम्बामुलिया के रहने वाले हैं। उक्त घटना सनावदिया गाँव में स्थित पैरामेडिकल कॉलेज की है, जहाँ आदिवासियों को भोजन और प्रेयर के नाम पर जमा किया गया था।
इंदौर में 400 से ज्यादा के धर्मांतरण की साजिश, न्यू इयर की शाम जुटाई थी भीड़. अम्बामुलिया निवासी मनीष और उसकी पत्नी मनीषा पर प्रतिबंधात्मक धाराओं में किया गया है. मनीष NGO चलाता है और ईसाई धर्म का प्रचारक भी है. #AAYUDH #Conversion pic.twitter.com/pKAR9eSkgN
— Aayudh (@AayudhMedia) January 2, 2022
‘हिन्दू जागरण मंच’ ने ही पुलिस को इसकी सूचना देकर बुलाया था। जब तक पुलिस वहाँ पर पहुँची, तब तक वो लोग वहाँ से भाग चुके थे। वहाँ जुटी भीड़ भी तब तक वहाँ से निकल चुकी थी। आरोपित मनीष के बारे में पता चला है कि वो एक NGO का संचालन करता है। उसने हिन्दू कार्यकर्ताओं को बताया कि आदिवासियों को खाना खिलाने के लिए बुलाया गया है। लेकिन, हिन्दू कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इसके साथ-साथ उसे प्रेयर के लिए भी बुलाया गया था।
हालाँकि, पुलिस का कहना है कि नए साल की पार्टी के नाम पर आदिवासियों को एक बड़े ग्राउंड में इकट्ठा करने के पीछे ईसाई दंपति की क्या मंशा थी, ये अभी अस्पष्ट है। एक जगह 400 लोगों को जुटाना कोरोना दिशानिर्देशों का उल्लंघन भी करार दिया जा रहा है। मनीष और उसकी पत्नी की तलाश जारी है। पूछताछ के बाद ही उनका उद्देश्य साफ़ हो पाएगा, ऐसा पुलिस का कहना है। दंपति पर आरोप है कि पिछले कुछ समय से वो लगातार धर्मांतरण का दबाव बनाने में सक्रिय थे। फ़िलहाल जाँच जारी है।