छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में सतानंद महाराज की ‘वनवासी राम कथा’ में एक ईसाई पादरी ने घर-वापसी की है। पत्रसपोटा नाम का ये पादरी 18 वर्षों से ईसाई मजहब के प्रचार-प्रसार में लगा था, लेकिन अब उसने अपनी भूल स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से हिन्दू धर्म अपना लिया है। इस दौरान उसने खुलासा किया गोमांस खिला कर हिन्दुओं का धर्म भ्रष्ट किया जा रहा है। इस ‘वनवासी राम कथा’ में अब तक 80 परिवारों के 200 लोगों ने हिन्दू धर्म में घर-वापसी की है।
हिन्दू धर्म में वापस आने वाले पादरी ने बताया कि विभिन्न इलाकों में जाकर उसने ईसाई मजहब को फैलाने का काम किया था, लेकिन 1 वर्ष पहले उसे भाजपा के साथ काम करने का मौका मिला। उक्त पादरी ने बताया कि उसने श्रीमद्भागवत कथा के दौरान सतानंद महाराज का प्रवचन सुन कर उसे हृदय में ऐसा लगा कि पहले उसे किसी ने ये क्यों नहीं बताया। उक्त पादरी ने कहा कि अगर पहले ही उसने ये सब सुन लिया होता तो शायद इतना विलंब नहीं होता।
उक्त पादरी ने इस दौरान ये कामना की कि सतानंद महाराज यूँ ही सतत प्रवचन करते रहें। इस दौरान लोगों ने और उक्त पादरी ने भी ‘जय श्री राम’ का नारा भी लगाया। वहीं घर-वापसी करने वाले एक अन्य शख्स ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में, पूरे भारत देश में जितने भी सनातनी ईसाई मजहब में गए हैं, उन्हें वापस लाने के लिए RSS और सतानंद महाराज द्वारा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सतानंद महाराज का प्रवचन उन्हें अंदर से सुसज्जित करता है।
सतानंद महाराज ने इस दौरान कहा कि गोमांस खिला कर धर्म-परिवर्तन कराया जाना एक बड़ा षड्यंत्र है। गौमाता के पंचगव्य से इन सभी का शुद्धिकरण किया गया। इस दौरान एक व्यक्ति ने तुलसी की कंठी धारण कर के मांस-मदिरा का भी त्याग कर दिया। उन्होंने कहा कि विधर्मी हमारे भाइयों को तोड़ने के लिए षड्यंत्र रचते हैं, जब हम किसी को बहकाने की जगह प्रेम से स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि धन देकर बहकाया जाता है, ‘तुम्हारे भीतर भूत है’ कह कर उन्हें ठीक करने का लालच देकर ईसाई मजहब में लाया जाता है।
छत्तीसगढ़ से पूज्य महाराज जी की विधर्मियों को चुनौती – गौ मांस खिला कर किया जाता हैं धर्मपरिवर्तन – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लेनी चाहिए शिक्षा।#rambhakt #JaiSriRam #rammandir@epanchjanya @OpIndia_com @OpIndia_in @JaipurDialogues pic.twitter.com/Pyzq8jOUsM
— Aacharya Satanand ji Maharaj (@MharajsatanandG) May 24, 2024
उन्होंने कहा, “तुम बाइबिल को शास्त्र कहते हो, शास्त्र सिर्फ सनातन धर्म में था। अगर तुम्हें हमसे इतनी घृणा है तो हमारे मन्त्र ॐ का इस्तेमाल क्यों करते हो, हमारे देवी-देवताओं की प्रतिमाओं में येशु को क्यों दिखाते हो? हनुमान जी की मोम की मूर्ति बनाई जाती है, उन्हें धूप में रख कर पिघला दिया जाता है और बच्चों को कहा जाता है कि जब ये खुद को नहीं बचा सके तो तुम्हें क्या बचाएँगे।” इस दौरान जनजातीय समाज का 50 लाख राम नाम जप भी चल रहा है। 400 लोगों ने मांस-मदिरा छोड़ने की भी शपथ ली है।