कर्नाटक से जहाँ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे के अपमान का मामला सामने आया है, वहीं तमिलनाडु से ईसाई प्रिंसिपल द्वारा तिरंगे को सलामी नहीं देने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। उनका कहना है कि मैं ईसाई हूँ, तिरंगे को सलामी नहीं दूँगी। हमारा मजहब इस बात की इजाजत नहीं देता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मामला तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले का बताया जा रहा है। जिले के एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और ध्वज को सैल्यूट करने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे का कारण जानकर आप हैरान रह जाएँगे और इस बात पर विचार करने पर विवश हो जाएँगे कि ऐसे भी लोग हैं।
आपको बताते चलें कि तिरंगे को सैल्यूट करने से इनकार करते हुए महिला ईसाई प्रिंसिपल ने यह कारण दिया कि उसका मजहब उसे उसके गॉड के अलावा किसी और को सैल्यूट करने से मना करता है। बता दें कि यह सारी घटना 15 अगस्त के दिन स्कूल में आयोजित हुए समारोह के दौरान की है। वहीं प्रिंसिपल के तिरंगा नहीं फहराने की वजह से सहायक प्रधानाध्यापक द्वारा तिरंगा फहराया गया।
ईसाई प्रिंसिपल ने तिरंगा फहराने से किया मना
जानकारी यह भी सामने आ रही है कि स्कूल की महिला ईसाई प्रिंसिपल प्रिंसिपल तमिलसेल्वी ने तिरंगे को फहराने से भी मना कर दिया। बताया जा रहा है महिला ने पिछले वर्ष भी इसी तरह तिरंगा फहराने से मना कर दिया था। बता दें वह इसी वर्ष सेवा से रिटायर भी होने जा रही हैं। वहीं अब इस मामले को लेकर धर्मपुरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को शिकायत सौंपी गई है।
इस केस से जुड़े एक वायरल वीडियो में महिला ईसाई प्रिंसिपल यह तर्क देती भी नजर आ रही है कि उसका राष्ट्रीय ध्वज न फहराना या सलामी न देने के पीछे अनादर करना नहीं है। उसने कहा “हम केवल गॉड को सलाम करते हैं और किसी को नहीं। हम ध्वज का सम्मान करते हैं लेकिन हम केवल गॉड को सलाम करेंगे। इसलिए, हमने सहायक प्रधानाध्यापक को झंडा फहराने के लिए कहा।”