Monday, December 23, 2024
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रुद्राक्ष पहनने और चंदन लगाने की सज़ा: सरकार पोषित स्कूल में ईसाई शिक्षक ने छात्रों को पीटा, माता-पिता ने CM स्टालिन से लगाई गुहार

बताया जा रहा है कि शिक्षक जॉयसन ने कथित तौर पर पवित्र राख (विभूति) और रुद्राक्ष पहनने पर लड़कों को यह कहते हुए अपमानित किया था कि केवल उपद्रवी और मिसफिट लोग ही इसे पहनते हैं। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि जो लोग शिव भगवान के प्रतीकों को पहनते हैं वे अनैतिक हैं।

तमिलनाडु के कांचीपुरम में ईसाई शिक्षक को छात्रों का रुद्राक्ष पहनना और विभूति लगाना बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। इसकी वजह से उसने छात्रों के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें पीटा भी। छात्रों के माता-पिता ने सीएम के स्पेशल सेल को पत्र लिखकर स्कूल और शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

तमिल भाषा में लिखा गया यह पत्र सोशल मीडिया वायरल हो गया है। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़कों किरुबाकरण और किरुबानंदन के माता-पिता ने सीएम के स्पेशल सेल को यह पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जॉयसन नाम के ईसाई शिक्षक पर आरोप लगाया है कि उसने पवित्र रुद्राक्ष पहनने और विभूति लगाने के कारण उनके बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें पीटा। दोनों लड़के कांचीपुरम के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल एंडरसन हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ते हैं।

बताया जा रहा है कि शिक्षक जॉयसन ने कथित तौर पर पवित्र राख (विभूति) और रुद्राक्ष पहनने पर लड़कों को यह कहते हुए अपमानित किया था कि केवल उपद्रवी और मिसफिट (misfits) लोग ही इसे पहनते हैं। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि जो लोग शिव भगवान के प्रतीकों को पहनते हैं वे अनैतिक हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉयसन ने न केवल लड़कों को कक्षा में प्रवेश करने से रोका, बल्कि रुद्राक्ष पहनने पर उन्हें पीटा और उनके सहपाठियों के सामने उन्हें अपमानित किया। लड़कों के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि ईसाई शिक्षक ने उनके बच्चों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, उन्हें गाली दी। इतने से भी जब उसका मन नहीं भरा तब उसने उनकी कक्षा में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के सामने उन्हें अपमानित किया। लड़के अब स्कूल जाने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से अपने बच्चों को बेवजह परेशान करने वाले स्कूल और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

शिक्षक जॉयसन इससे पहले भी छात्रों के साथ दुर्व्यवहार कर चुका है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह पढ़ाने में भी सक्षम नहीं है। साल 2017 में भी उसने इसी तरह से आठवीं कक्षा के छात्र को अपमानित कर पीटा था। सजा के कारण छात्र के बीमार पड़ने के बाद जॉयसन को गिरफ्तार कर लिया गया था। जब बच्चे के माता-पिता अन्य शिक्षकों के व्यवहार के बारे में पूछताछ करने के लिए स्कूल गए तो उन्हें वहाँ उन्हें उचित जवाब नहीं दिया गया।

बता दें कि दक्षिण भारत के चर्च द्वारा संचालित यह स्कूल 150 वर्ष से अधिक पुराना है और सरकार द्वारा इसे संरक्षण दिया जा रहा है। कांचीपुरम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान सांसद, सेल्वम एक DMK नेता और इस स्कूल के पूर्व छात्र हैं। हाल ही में सीएम एमके स्टालिन ने चर्च ऑफ साउथ इंडिया की 75 वीं वर्षगाँठ में भाग लिया था। सीएसआई (Church of South India) राज्य भर में हजारों संस्थान चलाता है और यह पहली बार नहीं है, जब इन स्कूलों में हिंदू छात्रों को परेशान किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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