Tuesday, October 1, 2024
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अवैध है जामा मस्जिद, इसे गिराओ: अब हिमाचल के कुल्लू में सड़क पर हिंदू, ‘धर्म जागरण यात्रा’ और हनुमान चालीसा पाठ से जताया विरोध; वैध बता रहा प्रशासन

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में सोमवार (30 सितंबर 2024) को हिन्दू संगठन के सदस्यों ने एक बड़ा जुलूस निकाल कर अवैध इबादतगाहों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बाद अब हिन्दू संगठनों ने कुल्लू की एक अन्य मस्जिद को अवैध बताते हुए मोर्चा खोल दिया है। यहाँ बनी जामा मस्जिद को गिराने की माँग करते हुए हिन्दू संगठन के सदस्यों की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई है। सोमवार (30 सितंबर 2024) को हिन्दू संगठनों ने बड़ा जुलूस निकाल कर अवैध इबादतगाहों के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। फ़िलहाल, मस्जिद के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस मस्जिद को विवादित बताया जा रहा है वह कुल्लू के अखाड़ा बाजार में बनी है। मुस्लिम समुदाय के लोग इसे जामा मस्जिद के नाम से बुलाते हैं। प्रशासन ने इसे वैध करार दिया है लेकिन हिन्दू संगठन के सदस्यों का दावा इस से उलट हैं। उन्होंने इसके निर्माण को गैर कानूनी बताया और सोमवार को 3 किलोमीटर तक जुलूस निकाला। इस जुलूस को ‘धर्म जागरण यात्रा’ का नाम दिया गया जिसमें ढोल-नगाड़े बज रहे थे।

जुलूस की शुरुआत रामशिला से हुई, जहाँ लोगों ने पारम्परिक परिधान नाटी पहनकर भगवा ध्वज के साथ भाग लिया। जुलूस जब जामा मस्जिद के पास पहुँचा, तो कुछ प्रदर्शनकारी उत्तेजित हो गए और मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे। इस पर पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें रोका, जिससे हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने स्थिति संभालते हुए जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ने दिया और मस्जिद के करीब प्रदर्शन नहीं होने दिया। प्रशासन ने एहतियातन भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 लागू कर दी थी।

पुलिस ने लोगों से शाँति बनाए रखने और कानूनी तौर पर अपनी बात कहने की अपील की। प्रशासन के प्रयासों से जुलूस में शामिल कोई भी व्यक्ति मस्जिद के पास नहीं जा पाया। थोड़ी देर में जुलूस आगे बढ़ गया और मस्जिद से लगभग 25 मीटर दूर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा।

प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद सनातन धर्म की रक्षा की शपथ ली और मस्जिद को गिराने की माँग को लेकर प्रशासन से बातचीत की। हालाँकि, उपायुक्त तोरुल एस रवीश और एसडीएम विकास शुक्ला की ओर से मस्जिद के वैध कागजात दिखाए जाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों को संतुष्ट नहीं किया जा सका। एसडीएम विकास शुक्ला के मुताबिक अखाड़ा बाजार की जामा मस्जिद पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। हालाँकि प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे क्षितिज सूद ने अगली बार और उग्र प्रदर्शन का एलान किया है।

बताते चलें कि मस्जिद को अवैध बताते हुए विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 21 जून 2017 को इसकी शिकायत नगर परिषद कुल्लू से की थी। इस शिकायत का संज्ञान ले कर 28 जून को नगर परिषद ने एक नोटिस जारी किया था जिसके बाद निर्माण कार्य बंद करा दिया गया था। जामा मस्जिद नाम से चर्चित इस ढाँचे का 14 जुलाई 2000 को पारित हुआ था जिसमें एक मंजिल पुरानी है और तीन मंजिलें साल 2000 के बाद बनाई गईं हैं।

हालाँकि आरोप है कि मस्जिद का निर्माण नक्शे के मुताबिक नहीं हुआ है जिस पर शहरी विकास विभाग जाँच भी कर रहा है। हिन्दू संगठनों ने अब प्रशासन पर सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले को अदालत में भी ले जाने का ऐलान किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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