यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान समय से किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन कार्य जल्दी पूरा किए जाए। सत्यापन में देरी होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की थी। इनको प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में तैनाती दी गई है। दस्तावेजों के सत्यापन की वजह से शिक्षकों का वेतन निकालने में दिक्कत हो रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से करीब 60 प्रतिशत नवनियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यपान कार्य पूरा कर उनको वेतन दिया जा रहा है। शेष शिक्षकों को वेतन दिए जाने की माँग शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री से की थी। इस पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शेष शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन जल्द पूरा किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
उन्होने कहा कि शिक्षकों का समय पर उनके वेतन का भुगतान किया जाए। उन्होंने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह जिलेवार शिक्षकों के सत्यापन कार्य की समीक्षा करें। जिन जिलों में सत्यापन कार्य धीमा चल रहा है। वहाँ संबंधित अधिकारी को समय पर सत्यापन पूरा करने के निर्देश दें। इसके बाद भी लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में परिषदीय विद्यालयों में पठन पाठन कार्य सुचारू रूप से संचालित किए जाने के निर्देश भी दिए।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की भर्ती करते समय हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और टीईटी की मार्कशीट का सत्यापन किया, लेकिन उनके स्नातक और बीएड की मार्कशीट को उन विश्वविद्यालयों द्वारा सत्यापित किया जाना था, जहाँ से उन्होंने कोर्स किया था। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि चूँकि विश्वविद्यालय कम स्टाफ के साथ काम कर रहा है, इसलिए सत्यापन में समय लग रहा है। राज्य में जारी महामारी को ध्यान में रखते हुए राहत दी गई है, जिससे कई विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कार्य बाधित है, जिससे डिग्री का सत्यापन करना असंभव हो गया है।