Thursday, November 21, 2024
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मुस्लिम लड़की हिंदू बॉयफ्रेंड से मिलने आई तो आसिफ कुरैशी की अगुवाई में कट्टरपंथियों ने मिल कर किया पथराव: देहरादून पुलिस ने भाँजी लाठियाँ, दूसरे दिन भी बाजार बंद

गुरुवार को मुस्लिम किशोरी अपने हिंदू प्रेमी से मिलने देहरादून पहुँच गई, जिसके बाद साम्प्रदायिक तनाव भड़क गया। पथराव और लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने मामला संभाला, लेकिन बाजार बंद और प्रदर्शन जारी हैं।

उत्तराखंड में गुरुवार (26 सितंबर 2024) को एक मामूली घटना ने साम्प्रदायिक तनाव का रूप ले लिया। मामला तब शुरू हुआ, जब एक मुस्लिम किशोरी अपने हिंदू प्रेमी से मिलने देहरादून आ गई। इस घटना के बाद, स्थानीय मुस्लिम और हिंदू समुदायों के बीच विवाद बढ़ा और पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

ये मामला एक मुस्लिम नाबालिग लड़की के देहरादून आने से जुड़ा है, जिसमें वो अपने हिंदू प्रेमी से मिलने आ गई थी। इस पूरी घटना में हिंदू संगठन और मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ भिड़ गई, तो पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस दौरान अजाद समाज पार्टी के नेता आसिफ कुरैशी के नेतृत्व में आई मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा किए गए पथराव में कई लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आ रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजय नाम का लड़का बदायूँ का रहने वाला है। लड़की भी बदायूँ की ही है। वो पहले लखनऊ गई, फिर वहाँ से देहरादून आ गई थी, जहाँ अजय उससे मिला। लेकिन वो वापस जाने को तैयार नहीं थी। अजय ने जब उसके साथ आरपीएफ चौकी को रिपोर्ट किया, तो बवाल शुरू हो गया। रिश्तेदारों और कट्टरपंथियों की भीड़ ने रेलवे स्टेशन के बाहर इकट्ठा होकर पुलिस चौकी को घेर लिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पथराव में कई लोग घायल हो गए। हालात बिगड़ते देख, हिंदू संगठन भी मौके पर पहुँचे और विवाद और बढ़ गया। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया।

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचकर स्थिति का जायजा लेते रहे। कट्टरपंथी मुस्लिमों के आक्रामक रूख को देखते हुए अजय को जीआरपी थाने में रखा गया, तो लड़की को आरपीएफ की चौकी में। देर रात, लड़की के परिजनों के आने पर उसे उन्हें सौंप दिया गया, जबकि अजय को पुलिस सुरक्षा के बीच उसके भाई के पास भेजा गया।

बताया जा रहा है कि हिंदुओं को डर था कि कहीं मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में अजय को जेल न भेज दिया जाए, जबकि उसके लड़की को खुद ही आरपीएफ के सुपुर्द किया था। ऐसे में अजय के समर्थन में भी वहाँ पहुँच गए। हिंदू संगठनों का आरोप था कि मुस्लिम कट्टरपंथी अजय को गलत तरीके से फँसाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अजय ने स्वेच्छा से लड़की को आरपीएफ के हवाले किया था और वह इस मामले में निर्दोष है। दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय के लोग इस घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुए हिंसक हो उठे। पुलिस द्वारा मौके से पत्थर और घटनास्थल की वीडियोग्राफी कराई गई, जिन्हें फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में जो भी दोषी पाए जाएँगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ये पूरा विवाद गुरुवार की दोपहर से शुरू हुआ और आखिरकार रात के समय पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं, गुरुवार देर रात लड़की के परिजनों के पहुँचने पर लड़की को उनके हवाले कर दिया गया। इसके साथ ही पुलिस भारी सुरक्षा के बीच अजय को भी उसके भाई के पास छोड़ आई। अजय सिंह, दातागंज जिला बदायूँ-यूपी का रहने वाला है और सेलाकुई में नौकरी करता है। उससे मिलने आई किशोरी भी दातागंज की ही है। वह बिना बताए घर से आई थी।

इस पूरी घटना के दौरान एसएसपी अजय सिंह समेत वरीय पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। वहीं, रेलवे स्टेशन पर पत्थरबाजी की घटना की पुलिस ने वीडियोग्राफी कराई है। मौके से पुलिस ने पत्थर कब्जे में लिए हैं। इन्हें फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा जाएगा। पुलिस ने मौके से पत्थर और वीडियो फुटेज को कब्जे में लेकर थोड़े से जाँच के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में उनकी ओर से केस दर्ज किया जा रहा है। मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शुक्रवार को इस मामले ने एक नया मोड़ तब लिया, जब पुलिस ने बजरंग दल के नेता और स्थानीय व्यापारी विकास वर्मा को हिरासत में ले लिया। इसके विरोध में व्यापारियों ने पूरा बाजार बंद कर दिया और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि विकास वर्मा को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। इस दौरान करीब 5000 हिंदुओं ने पलटन बाजार को बंद कर सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया और विकास वर्मा की रिहाई की माँग की।

उत्तराखंड पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना में कानून और शांति व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश की गई है। इसके लिए संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है, और दोषियों को चिह्नित किया जा रहा है।” पुलिस के अनुसार, पत्थरबाजी और हंगामे में 30 से 35 नामजद लोगों और 150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस घटना के बाद देहरादून के कई हिस्सों में तनाव बना हुआ है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में जवान तैनात किए हैं। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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