ज्ञानवापी विवादित ढाँचे पर सुनवाई शुरू होने के बाद से अचानक सोशल मीडिया पर हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ बयानबाजी और उनके अपमान किए जाने की घटनाएँ बढ़ गई हैं। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित पावंटा साहिब की हैं, जहाँ शिवलिंग को लेकर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियाँ कीं, जिससे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना पावंटा साहिब थाने के अंतर्गत माजरा में शिवलिंग को लेकर विवादित बयान देने के मामले में 2 आरोपितों पावंटा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष नसीम राज और सैलून की दुकान चलाने वाले अरमान मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे भड़के मुस्लिम कट्टरपंथियों पुलिस स्टेशन पर ही हमला कर दिया। मुस्लिमों ने लाठी-डंडों और तलवारें लेकर थाने को घेर लिया। इस बीच जैसे ही इसकी खबर हिन्दू समुदाय को लगी तो वे हिन्दू समुदाय के सैकड़ों लोग भी थाने पहुँच गए। दोनों तरफ से नारेबाजी की गई।
हालात बेकाबू होते देख जिले के डीसी और एसपी समेत सभी सीनियर अधिकारी मौके पर पहुँचे और लोगों को समझाने की कोशिशें की। बाद में किसी तरह मामले को शांत कराया जा सका। बहरहाल इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को डिप्लॉय किया गया है।
ज्ञानवापी के कारण भगवान शिव का किया गया अपमान
इस बीच हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी ने इसे ज्ञानवापी विवादित ढाँचे से जोड़कर देखा और दावा किया कि ज्ञानवापी विवाद के कारण कुछ लोगों ने पावंटा में भगवान शिव पर अभद्र टिप्पणी की है। ये हिन्दू-मुस्लिम तनाव को बढ़ाने की साजिश है। वहीं बीजेपी की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा है कि हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान को सहन नहीं करेंगे।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि फेसबुक पर अरमान मलिक नाम के मुस्लिम युवक ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाली पोस्ट को फेसबुक पर डाला था। बताया जाता है कि वो माजरा का रहने वाला है। वहीं दूसरी आरोपित है नसीम नाज है। इसने इस पोस्ट को शेयर किया था। दावा किया डा रहा है कि नसीम नाज बीजेपी के अल्पसंख्यक मार्चा का अध्यक्ष है।
Himachal Pradesh Sirmaur Arman malik posted Derogatory post about Shivling Hindu-Muslim tension emerged