राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से पीड़ित एक 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला मरीज की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस की वजह से मौत की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक मृतक महिला राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थी। संक्रमित महिला का इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था, जहाँ शुक्रवार (मार्च 13, 2020) को उसने दम तोड़ दिया। महिला को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की भी समस्या थी।
ये महिला उस संक्रमित व्यक्ति की माँ थीं, जो स्विट्जरलैंड और इटली होते हुए भारत आया था। 8 मार्च को मृतक महिला के सैंपल लिए गए थे और 9 मार्च को उनकी हालत बिगड़ गई थी। शुरुआत में महिला को निमोनिया हुआ फिर साँस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया और वेंटीलेटर पर रखा गया था। महिला में कोविड-19 का संक्रमण भी पाया गया था। 13 मार्च को हालत और ज्यादा बिगड़ने के बाद महिला की मौत हो गई।
कोरोना के संक्रमण से भारत में यह दूसरी और दिल्ली में पहली मौत है। इससे पहले कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 वर्षीय शख्स की मौत हुई थी। उनकी मौत मंगलवार (मार्च 10, 2020) को हुई थी, लेकिन उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि गुरुवार (मार्च 12, 2020) को हुई। भारत में कोरोना वायरस से करीब 82 मामले सामने आ चुके हैं।
कोरोना के संक्रमण में तेजी से बढ़त को देखते हुए देश के कई राज्यों में स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। इस क्रम में राजधानी दिल्ली, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर ने गुरुवार को राज्यों में तमाम स्कूलों और कॉलेजों को एहतियातन बंद करने का ऐलान कर दिया। देश भर में इस वायरस के कारण संक्रमण की संख्या में इजाफे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर आईआईटी दिल्ली ने अपने सभी छात्रों को 15 मार्च की आधी रात तक हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया है। हॉस्टल प्रशासन ने कहा है कि छात्र घर जा सकते हैं और सुरक्षित रह सकते हैं। इसके साथ ही आईआईटी दिल्ली में पठन-पाठन से जुड़ी सारी गतिविधियों को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को ही जेएनयू, जामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय को भी 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। इसके अलावा आज से भारत-बांग्लादेश की बस और ट्रेन सर्विस बंद कर दी जाएगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कोराना वायरस के संकट को देखते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। अमेरिकी सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत 50 अरब अमेरिकी डॉलर का संघीय कोष भी जारी किया है। देर रात स्पेन ने भी राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात एक बजे एक प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोना वायरस को लेकर कहा, “आने वाले कुछ हफ्तों में हम सभी को कुछ बदलाव और बलिदान करने होंगे, लेकिन इन अल्पावधि बलिदानों से लंबे समय के लिए लाभ मिलेंगे। अगले 8 हफ्ते महत्वपूर्ण हैं।” डोनाल्ड ट्रंप ने खुद भी जाँच करवाने की बात कही है।
भारत सरकार ने इससे निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। जैसे कि कोरोना वायरस प्रभावित देशों से आने वाले भारतीय नागरिकों की एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर यूनिवर्सल स्क्रीनिंंग की जा रही है और उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है। इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त मात्रा में सामुदायिक निगरानी, आइशोलेशन, वार्ड, पर्याप्त पीपीई वगैरह की व्यवस्था की गई है।
मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के 1031 व्यक्तियों को देश से निकाला गया है। भारत ने कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से अपने नागरिकों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ईरान में फँसे भारतीयों को लाने के लिए वायुसेना की कई उड़ानें भरी गई। वहाँ पर वैज्ञानिकों को लैब इक्विपमेंट के साथ भेजा गया। वो वहाँ से टेस्टिंग के लिए 1199 सैंपल लेकर भारत आए। इसके साथ ही डॉक्टरों की एक टीम को पर्याप्त मेटेरियल के साथ रोम भेजा गया, ताकि वो वहाँ के भारतीयों का सैंपल ले सकें और फिर उसकी जाँच कर सकें।
बता दें कि अभी तक 30 एयरपोर्ट के 10,876 उड़ानों से 11,71,061 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है। इसके अलावा सामुदायिक निगरानी के तहत 42,296 यात्रियों को भारत लाया गया है। 2,559 संक्रमित यात्रियों को आइशोलेशन वार्ड में रखा गया, जबकि 522 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें 17 विदेशी नागरिक भी थे। लैंड पोर्ट पर 14 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।