Sunday, November 17, 2024
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देश में कोरोना के एक्टिव मामले 4000 पार, 77% अकेले केरल से: स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कितना खतरनाक है नया वैरिएंट JN.1

नए वेरिएंट से सामने आया खतरा भी तुलनात्मक रूप से कम है। भारत में कोविड-19 के उप स्वरूप जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में सामने आया था।

देश के कोरोना के एक्टिव मामले 4000 से अधिक हो गए हैं। इनमें 77% से अधिक मामले केरल में हैं। इसके अलावा कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के 63 नए मामले भी सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जेएन.1 को अब ‘वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ घोषित कर दिया है।

देश में कोरोना के मामलों को बताने वाली वेबसाइट के अनुसार, देश में वर्तमान में 4054 मामले हैं। इनमें से 3100 से अधिक मामले अकेले केरल में हैं। रविवार को 600 से अधिक नए मामले सामने आए। इसके नए वैरिएंट के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है। नए वैरिएंट के 34 मामले गोवा से सामने आए हैं। इसके अलावा 9 मामले महाराष्ट्र, 8 मामले कर्नाटक, 6 मामले केरल से सामने आए हैं।

केरल में एक मौत भी कोरोना के कारण हो गई है। हालाँकि नए वेरिएंट को लेकर ख़ास चिंता की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नया वैरिएंट विशेष खतरनाक नहीं है और इससे प्रभावित रोगी घर पर पर ही ठीक हो रहे हैं। विशेषज्ञों कहना है कि इस नए वेरिएंट के लिए विशेष दवा की आवश्यकता नहीं है बल्कि इसके ऊपर कोरोना की वैक्सीन प्रभावी है।

नए वैरिएंट से सामने आया खतरा भी तुलनात्मक रूप से कम है। भारत में कोविड-19 के उप स्वरूप जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में सामने आया था। हालाँकि, पीड़ित महिला रोगी अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, मेडिकली देखा जाए तो इनमें से अधिकांश केस हल्के लक्षण के होते हैं और उनमें से अधिकतर किसी बड़ी दवा के बगैर ही ठीक हो जाते हैं, हालाँकि इसे लेकर सतर्कता बरतनी जरूरत है।

जानकारी के मुताबिक भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कोविड केसों की निगरानी के तहत केरल में कोविड के इस नए सब वैरिएंट JN.1 का पता लगाया था। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) जीनोमिक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है। ये जीनोमिक तरीके से देश में कोरोनो वायरस केसों पर नजर रख रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) इस कॉन्सॉर्टियम का एक हिस्सा है।

कहाँ से आया कोरोना का सब वैरिएंट जेएन.1

कोविड-19 का JN.1 सब वैरिएंट पहली बार लक्ज़मबर्ग में पहचाना गया था और तब से यह कई देशों में फैल गया है। यह पिरोला वेरिएंट (BA.2.86) का ही अगला रूप है। इसका पहला केस पहली बार सितंबर 2023 में अमेरिका में सामने आया था।

चीन में 15 दिसंबर,2023 को इस खास सबवैरिएंट के 7 मामले मिले थे। इस JN.1 वैरिएंट के केस अब तक संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल और नीदरलैंड जैसे देशों में मिले हैं। भारत की बात करें तो सिंगापुर हवाई अड्डे पर हुई जाँच में कुछ भारतीयों में JN.1 सब वैरिएंट पाया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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