उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी में साल 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट (Varanasi Serial Blast) के मामले में 16 साल के बाद फैसला आ गया है। गाजियाबद की कोर्ट ने इस बम ब्लास्ट के दोषी आतंकी वलीउल्लाह खान (Waliullah Khan) को फाँसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उस पर 60,000 रुपए का जुर्माना भी ठोंका है। वलीउल्लाह बीते 16 सालों से डासना जेल में बंद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत में सुनवाई के दौरान आतंकी वलीउल्लाह ने अपनी पारिवारिक परिस्थितियों का रोना रोया। उसने कहा कि घर में उसकी 80 साल की बूढ़ी अम्मी है, उसकी बीवी, बेटा और बेटी की आर्थिक हालत सही नहीं है। इसलिए उसके अच्छे आचरण को देखते हुए कोर्ट उसकी सजा को कम कर दे।
क्या है मामला
गौरतलब है कि साल 2006 में वाराणसी में संकटमोचक मंदिर में धमाका हुआ था, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे। इसके अलावा वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम भी मिला था। 7 मार्च 2006 की शाम को हुए बम धमाके के बाद चारों तरफ मातम, घायलों की चीख और मांस के लोथड़े बिखरे पड़े थे। मामले की छानबीन के दौरान कॉल डिटेल्स को खंगालने पर वलीउल्लाह का सुराग मिला। पुलिस को यह भी पता चला कि वारदात से पहले वो कभी भी वाराणसी नहीं गया था। इस घटना को पाँच आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था।
बाद में पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया था। पुलिस को आतंकी के पास से 32 बोर का पिस्टल, बाइक और आरडीएक्स डेटोनेटर मिला था।
कौन है वली उल्लाह
धर्म नगरी वाराणसी को दहलाने वाला आतंकी वलीउल्लाह मूलरूप से प्रयागराज के फूलपुर का रहने वाला है। विस्फोटों की जाँच कर रही एसटीएफ ने दावा किया था कि वलीउल्लाह बांग्लादेश में एक आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहाद अल इस्लामी से जुड़ा था और विस्फोटों के पीछे मास्टरमाइंड था।