अरब सागर में उठा इस साल का चक्रवात बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) भारत की ओर बेहद तेजी से बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घण्टे में यह चक्रवात अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। 15 जून की दोपहर इसके गुहार की सीमा में टकराने का अनुमान लगाया जा रहा है। तूफान के आगे बढ़ने के साथ ही सौराष्ट्र और कच्छ के बंदरगाहों में सिग्नल बदले जा रहे हैं। फिलहाल, कुछ बंदरगाहों में 9 तो कुछ में 10 नंबर का सिग्नल लगाया गया है।
किसी भी चक्रवात या तूफान को लेकर मौसम विभाग की चेतावनी के साथ ही बंदरगाहों में सिग्नल बदलने की घटनाएँ सामान्य हैं। वास्तव में किसी भी तूफान की चेतावनी देने के लिए बंदरगाह में हर वक्त सिग्नल लगा होता है। इसके लिए कुछ देशों में झंडे और लाइट्स का उपयोग किया जाता है। वहीं भारत में तूफान की चेतावनी के लिए बेलनाकार कोन लगाए जाते हैं। वहीं, रात में लाल और सफेद लैंप से चेतावनी दी जाती है। इसके लिए 1 से लेकर 11 नंबर तक के सिग्नल होते हैं। इन्हीं सिग्नलों से समुद्री जहाजों को चेतावनी मिलती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) बंदरगाहों को आमतौर पर एक दिन में 4 बार सूचनाएँ भेजता है। वहीं, चक्रवाती तूफान की चेतावनी को लेकर हर तीन में सूचना भेजी जाती है। फिलहाल, बिपरजॉय के लिए 9 और 10 नंबर के सिग्नल लगाए हैं। इसका मतलब यह है कि चक्रवाती तूफान काफी गंभीर रूप से आगे बढ़ रहा है।
जानिए सिग्नल 1 से 11 तक का मतलब
किसी भी बंदरगाह पर सिग्नल 1 के जरिए समुद्र में कहीं दूर पर मौसम खराब होने की चेतावनी दी जाती है। साथ ही इससे बंदरगाह के प्रभावित नहीं होने का भी सिग्नल होता है हालाँकि जब सिग्नल 2 होता है तो समुद्र में तूफान होने की सूचना व बंदरगाह के जहाजों को मौसम खराब होने की चेतावनी दी जाती है। सिग्नल 3 और 4 बंदरगाह के पास में ही मौसम व स्थानीय वातावरण के खराब होने की सूचना होती है। साथ ही इसका असर जल्द ही बंदरगाह पर होने की चेतावनी होती है।
सिग्नल 5, 6 और 7समुद्र की ओर बढ़ रहे तूफान की स्थिति को दर्शाते हैं। साथ ही इसका संकेत है कि तूफान के तट को पार करने की संभावना है। ऐसे में सभी को सावधान रहने के लिए चेतावनी जारी की जाती है। यदि किसी बंदरगाह में सिग्नल 8 या 9 लगाया गया है इसका मतलब यह है कि चक्रवात बेहद खतरनाक हो चुका है। यह तट को पार कर सकता है। वहीं सिग्नल 10 का मतलब है कि विशालकाय चक्रवात बंदरगाह के पास आ चुका है। सिग्नल 11 किसी भी बंदरगाह में आखिरी चेतवानी के लिए होता है। इसका सीधा मतलब है कि चक्रवात की चेतावनी देने वाले ऑफिस के सभी कम्युनिकेशन फेल हो चुके हैं। बता दें कि चक्रवात या तूफान को गुजराती में वावाजोडुं कहा जाता है।