केरल में एक दलित महिला अपनी दो बेटियों की हत्या के मामले में न्याय के लिए भटक रही है और उसने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। ये 3 साल पहले की घटना है, जब दोनों नाबालिग बहनों की वालयार में संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी गई थी। हत्या से पहले उन दोनों का यौन शोषण भी किया गया था। सोमवार (अक्टूबर 26, 2020) को उनकी माँ ने न्याय के लिए फिर से आंदोलन शुरू किया है।
महिला का दावा है कि पुलिस ने उनकी बेटियों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने के लिए मामले में छेड़खानी की। पिछले साल बरी किए गए आरोपितों में से चार को CPI(M) पार्टी का कार्यकर्ता बताया गया है।
न्याय की माँग कर रही माँ ने कहा कि मामले में छ आरोपित हैं लेकिन केवल पाँच को ही कानून के सामने लाया गया और छठे व्यक्ति को छूट दी गई थी, जो कि एक रहस्य ही बना हुआ है।
मृतक लड़कियों के सौतेले पिता ने कहा कि जाँच अधिकारी ने उन्हें हत्या की जिम्मेदारी लेने के लिए भी मजबूर किया और मामले में उनकी रक्षा करने का आश्वासन दिया। लेकिन उन्होंने अधिकारी की माँग से इनकार कर दिया और इससे पता चलता है कि पुलिस दोषियों को बचा रही थी।
नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथाला और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पलक्कड़ जिले में धरनास्थल पर जाकर प्रदर्शनकारी महिला व अन्य परिजनों से मुलाकात की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये उत्तर प्रदेश में हुई हाथरस की घटना से भी बदतर है। उन्होंने कहा कि जो लोग हाथरस मामले पर घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं, वही अपने ही घर में दो दलित नाबालिग लड़कियों की हत्या पर चुप हैं। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला को फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है।
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की खबर के अनुसार, वायलार में 52 दिनों के भीतर 12 साल और 8 साल की दोनों बहनों की लाशें लटकी हुई मिली थीं। ये 2017 की घटना है। लड़कियों के अभिभावक बाहर काम से गए थे, तभी उनकी मौत हुई। उसके बाद से इस मामले में कई तरह की बातें सामने आती रही हैं। पिछले ही महीने केरल में पिनाराई विजयन की सरकार ने हाईकोर्ट के सामने स्वीकार किया था कि इस मामले की सही तरीके से जाँच नहीं की गई और वो फिर से जाँच कराने को राजी है।
पीड़ित महिला ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि उसकी निगरानी में किसी केंद्रीय एजेंसी से जाँच कराई जाए। मृतक लड़कियों के सौतेले पिता ने बताया कि उन पर हत्या की जिम्मेदारी लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा था और उनके मन में भी आत्महत्या के विचार आ रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में असली दोषियों को बचाना चाहती है, इसीलिए ‘बलि के बकरों’ की खोज की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उन पर कई बार पुलिस की तरफ से दबाव बनाया गया, लेकिन जब उन्होंने आत्महत्या की धमकी दी – तब जाकर पुलिस पीछे हटी। केरल के क़ानून मंत्री एके बालन का कहना है कि राज्य सरकार इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि मामला अदालत में है। सत्ताधारी सीपीआई (मार्क्ससिस्ट) का कहना है कि वो पीड़ित परिजनों के समर्थन में है लेकिन विपक्षी पार्टियाँ इस मामले को लेकर राजनीति कर रही है।
ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला था कि हत्या से पहले केरल के वायलार की दोनों दलित नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण हुआ था। जनवरी 13, 2017 को बड़ी बहन की मौत हुई थी और इसके 52 दिन बाद दूसरी बहन की। महिला का आरोप है कि बड़ी बेटी की मौत के बाद उसने कुछ आरोपितों के नाम पुलिस को बताए थे लेकिन प्रशासन के कार्रवाई में विफल रहने के कारण दूसरी बेटी की भी जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि इन हत्याओं को आत्महत्या साबित करने का प्रयास हुआ।
#Kerala‘s Leader of Opposition and Congress MP @chennithala on Monday demanded justice for a grieving mother whose two daughters were sexually abused and were later found hanging at their home at Walayar in Palakkad district. pic.twitter.com/1VsNYGwyMu
— IANS Tweets (@ians_india) October 26, 2020
महिला ने कहा कि वो विरोध प्रदर्शन और अनशन करते हुए सड़क पर ही जान दे देगी। उसने कहा कि कुछ दिनों पहले हुई मुलाकात में सीएम पिनाराई विजयन ने आश्वासन दिया था कि सीबीआई जाँच कराई जाएगी लेकिन वो पलट गए। महिला ने आरोप लगाया कि इस केस को कमजोर करने वाले अधिकारियों का प्रमोशन हुआ। महिला और उसके पति मजदूर हैं। पिछले साल POCSO अदालत ने चार आरोपितों को बरी करते हुए जाँच टीम पर कड़ी टिप्पणी की थी।
जिस पुलिस अधिकारी ने जाँच टीम की अगुवाई की थी, बाद में उसका प्रमोशन हुआ। आरोपितों के वकील एन राजेश को ‘डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड वेलफेयर कमिटी’ का अध्यक्ष बना दिया गया। कोर्ट ने प्रोसिक्यूटर पर भी टिप्पणी की थी, जिसे बाद में हटा दिया गया। सीपीआई (एम) की आलोचना इसीलिए हो रही है क्योंकि आरोपितों में अधिकतर के इसी पार्टी के कार्यकर्ता होने की बात सामने आई थी। इस मामले में राजनीतिक दबाव के आरोप लगे थे।
अब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि वो इस मामले में पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने के लिए हर कदम उठाएँगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आरोपितों को बरी किए जाने के बाद फिर से जाँच शुरू करना संभव नहीं था। साथ ही जानकारी दी कि इस मामले में आई खामियों को विधानसभा में रखा गया है। उन्होंने कहा कि केन्दीय एजेंसियाँ जाँच करेगी तो मामला और बिगड़ जाएगा।