राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में UPSC की तैयारी कर रही एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। अभी ‘Rau’s IAS’ नामक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में 3 छात्रों की पानी में डूब कर हुई मौत का मामला थमा भी नहीं था कि ये घटना सामने आ गई है। उक्त छात्रा अवसाद में थी और दबाव झेलने की स्थिति में नहीं थी। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ियों को खत्म किया जाए। वो हाउसिंग रेंट के कारण भी परेशान थी। उसने सरकार से रोजगार उत्पन्न करने की गुहार भी मरने से पहले लिखे नोट में लगाई है।
अंजलि ने अपनी आत्महत्या वाले पत्र में लिखा है कि वो जीवन की समस्याओं से नहीं जूझ पा रही हैं, साथ ही उसके जीवन में शांति नहीं है। आगे बढ़ने से पहले बता दें कि ये घटना 3 छात्रों की मौत से पहले की है, लेकिन प्रकाश में अब आई है, अब इस पर चाचा हो रही है। रविवार (21 जुलाई, 2024) की ये घटना है। अंजलि एक कमरे में रहने के लिए 15,000 रुपए प्रति महीना का किराया देती थी, जिसे सीधे बढ़ा कर 18,000 रुपए कर दिया गया था।
उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, “माँ और पापा, मुझे माफ़ कर दो। मैं अपने जीवन से सचमुच तंग आ चुकी हूँ। केवल समस्याएँ हैं, शांति नहीं है। मुझे शांति चाहिए। मैंने इस तथाकथित अवसाद से निकलने की काफी कोशिश की, लेकिन मेरे से नहीं हो पाया। मैंने एक डॉक्टर को भी दिखाया, लेकिन मेरा मानसिक स्वास्थ्य नहीं सुधरा। पहले अटेम्प्ट में ही UPSC क्लियर करना मेरा लक्ष्य था, अब मैं बहुत अस्थिर हो रही हूँ। मुझे पता है मेरी मौत की खबर ब्रेकिंग न्यूज़ बनेगी।”
#Prime@4: दिल्ली में UPSC की तैयारी कर रही छात्रा ने की आत्महत्या.. पीजी का किराया बढ़ने से परेशान थी छात्रा
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) August 3, 2024
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अंजलि महाराष्ट्र के अकोला की रहने वाली थी। उसने लिखा कि PG वाले छात्र-छात्राओं से पैसे लूट रहे हैं। अंजलि की माँ का कहना है कि उसकी पढ़ाई में लग रहे पैसों के कारण वो चिंता में थी, जबकि परिवार उसे कहता था कि वो इसकी चिंता न करे। अंजलि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, “मैं जानती हूँ आत्महत्या किसी समस्या का नहीं नहीं।” अपनी एक दोस्त के साथ चैट के दौरान भी उसने रेंट वाली समस्या का जिक्र किया था। अंजलि ने 3 बार UPSC की परीक्षा दी थी, लेकिन उसका चयन नहीं हो पाया था।
एग्रीकल्चर में स्नातक करने वाली अंजलि पढ़ाई में अच्छी थी। 21 जुलाई को उसके चाचा का जन्मदिन था और उसने फोन कॉल कर के शुभकामनाएँ भी दी थीं। अंजलि के पिता एक अधिकारी हैं। चाचा का कहना है कि फोन काल के दौरान सब कुछ सामान्य था। अंजलि के कमरे की एक और चाभी थी, उसके रूममेट्स जब बाजार से वापस आए तो उन्होंने उसे फंदे से लटका हुआ देखा। अंजलि ने अपने सुसाइड नोट में ये भी लिखा है कि उसके अंग ज़रूरतमंदों को दान कर दिए जाएँ।