उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में मोहम्मद शाहरुख ने 24 फरवरी को गोलियॉं दागी थी। एक पुलिसकर्मी पर भी रिवॉल्वर तान दी थी। उसे उत्तरप्रदेश के बरेली से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उसके परिवार का भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उसका अब्बा ड्रग तस्करी में जेल जा चुका है। उसकी अम्मी के भी ड्रग तस्करों से ताल्लुकात बताए जाते हैं। उसका मौसा भी ड्रग तस्करी में जेल जा चुका है।
शाहरुख का ननिहाल बरेली के मीरंगज के खानपुरा मोहल्ले में है। यह उन इलाकों में से एक है जहॉं कई बड़े ड्रग तस्कर रहते हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उसने पुलिस को बताया है कि 24 फरवरी को उसने पूरी रात कनॉट प्लेस की कार पार्किंग में गुजारी। कपड़े-कपड़े बदल बदलकर हौजखास इलाके में घूमता रहा। इसके बाद उसने अपनी कार कनॉट प्लेस की एक पार्किंग में लगाई और उसी में रात भर सोया। इस बीच उसने अपने कई साथियों से पनाह पाने के लिए संपर्क किया। फिर वह एक करीबी के घर जालंधर चला गया।
जालंधर से वह बरेली के लिए निकल गया। यहाँ कुछ दिन वह ड्रग तस्करों के पास छिपा रहा। बाद में उसने शामली-कैराना जाने का फैसला किया। मंगलवार को बरेली से शामली जाने की कोशिश में वह बस स्टैंड से दबोचा गया था।
हालाँकि, शाहरुख के ख़िलाफ अभी तक किसी आपराधिक रिकॉर्ड की पुष्टि नहीं हुई है। जाफराबाद की घटना के बाद उस पर दंगा फैलाने, अवैध हथियार रखने और सिपाही की हत्या के प्रयास का आरोप लगा है। उसके पास से घटना के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली पिस्तौल भी बरामद कर ली गई है।
अभी तक की पूछताछ में शाहरुख ने बताया कि वह शौकिया पिस्तौल रखता था। उसके घर में जुराब बनाने की अवैध फैक्ट्री चलती है। फैक्ट्री में काम करने वाले एक कर्मचारी के जरिए दो वर्ष पहले उसने बिहार के मुंगेर से पिस्तौल मँगाई थी। दंगे वाले दिन वह आठ कारतूस लेकर निकला था, इसमें तीन फायर किए थे, 2 कारतूस उससे कहीं गुम हो गए और 3 उसके पास से बरामद हुए।
गौरतलब है कि मौजपुर जाफराबाद के बीच खुलेआम भीड़ से निकलकर हेड कॉन्स्टेबल पर बंदूक तानने वाले शाहरुख ने बीए द्वितीय वर्ष तक की पढ़ाई की है। उसे मॉडलिंग, जिम और टिक टॉक का शौक है। उसने हाल ही में एक म्यूजिक वीडियो भी बनाया था, लेकिन वह रिलीज नहीं हुआ।
यहाँ बता दें कि मोहम्मद शाहरुख का पिता साबिर भी ड्रग्स तस्कर है। उस पर फेक करेंसी के मामले में भी केस दर्ज है। जानकारी के अनुसार, मीरगंज में रिश्तेदारी होने के कारण उसका वहाँ आना-जाना था। इसी कस्बे से 15 किमी दूर फतेहगंज पश्चिमी में बड़े पैमाने पर ड्रग्स तस्करी होती है। साबिर वहाँ के कई तस्करों के संपर्क में भी रहता था। यही वजह रही कि मीरगंज में ननिहाल होने और फतेहगंज में पिता के ड्रग्स तस्करी कनेक्शन होने के कारण शाहरुख को ये इलाका छिपने के लिए सबसे ठीक लगा। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार शाहरुख की अम्मी इन्नो के भी बरेली के ड्रग तस्करों से अच्छे ताल्लुकात हैं।
स्थानीय अखबारों से मिली जानकारी के मुताबिक, शाहरुख का मौसा बब्बू भी ड्रग्स तस्करी में जेल जा चुका है। इसके अलावा उसके मौसेरे भाई सलमान पर भी शक की सुई आकर अटक रही है, क्योंकि जब से शाहरुख गिरफ्तार हुआ है तब से सलमान अपने घर से गायब है। जाँच के दौरान केवल मौसा बब्बू और मौसी मुन्नी ही घर पर मिले। मीडिया ने जब इन लोगों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस कार्रवाई के डर से कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। लेकिन मुहल्ले वालों का कहना है कि दो दिन पहले तक सलमान था, मगर उसके बाद से नहीं दिखा।
पुलिस का कहना है कि दंगे के बाद शाहरुख जिन भी लोगों के संपर्क में रहा। उनके नाम जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस शाहरुख के मोबाइल की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। साथ ही उसकी मोबाइल की लोकेशन जाँच भी जारी है। लोकेशन के जरिए पुलिस उसके द्वारा बताई गई बातों को क्रॉस चेक करेगी और ये भी पता लगाएगी कि उसकी मदद करने वाले कौन थे और उसने किसके कहने पर फायरिंग की।