दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने दीवाली से पहले पटाखों पर पूर्णतया बैन लगा दिया है। AAP सरकार ने यह निर्णय दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए लिया है। लेकिन दूसरी तरफ पंजाब की AAP सरकार पंजाब के भीतर पराली का जलना नहीं रोक पा रही है। पंजाब में जलने वाली पराली दिल्ली के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (DPCC) ने सोमवार (14 अक्टूबर, 2024) को एक आदेश जारी करके पटाखों की खरीद-बिक्री और बनाए जाने समेत उनके फोड़े जाने पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध 1 जनवरी, 2024 तक जारी रहेगा। इस बीच पटाखे पाए जाने पर जुर्माना और कार्रवाई की जाएगी।
DPCC ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं। हालाँकि, दीवाली के पटाखे जलने से पहले ही दिल्ली की हवा खराब होना चालू हो चुकी है। सोमवार (14 अक्टूबर, 2024) को दिल्ली के आनंद विहार का AQI 302 के स्तर पर था जो कि अत्यंत खतरनाक है।
दिल्ली की AAP सरकार जहाँ एक ओर राजधानी में पटाखे बैन करके प्रदूषण रोक रही हैं वहीं पंजाब के भीतर पराली जलने की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया अहि कि पंजाब के भीतर अब तक 800 से अधिक पराली जलने की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं जबकि धान की कटाई अभी पूरी तरीके से चालू भी नहीं हुई है।
पंजाब के तरनतारन, अमृतसर, पटियाला और संगरूर से सबसे अधिक पराली जलने की घटनाएँ सामने आ रही हैं। पंजाब में भी AAP सरकार है लेकिन वह इसे नहीं रोक पा रही है। 2023 में भी देश में पराली जलने के सर्वाधिक मामले पंजाब से ही सामने आए थे। 2023 में पराली प्रदूषण के मामलों में पंजाब का 93% से अधिक का योगदान था।
2023 में पंजाब में पराली जलाने की 36663 घटनाएँ हुई थीं। हरियाणा में इसी दौरान पराली जलाने की मात्र 2303 घटनाएँ ही हुईं थी। पंजाब में इसी दौरान कुछ शहरों का AQI भी खराब हो गया है।