दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों से जुड़े मुख्य आरोपित शरजील इमाम (Sharjeel Imam) के खिलाफ सोमवार (24 जनवरी 2022) को देशद्रोह, गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा (UAPA) समेत कई अन्य धाराएँ लगाने का आदेश दिया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (यूपी) और जामिया इलाके (दिल्ली) में एंटी-सीएए (Citizenship Amendment Act) प्रदर्शन के दौरान शरजील द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों को लेकर ये धाराएँ लगाई जाएँगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आदेश दिया है कि यूएपीए की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के साथ आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकता के लिए पूर्वाग्रह), 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए बयान) के तहत आरोप तय किए जाएँ।
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— Live Law (@LiveLawIndia) January 24, 2022
Delhi Court has framed charges against #SharjeelImam in FIR 20/2020 relating to the alleged inflammatory speeches made by him in Aligarh Muslim University and Jamia area in Delhi against the CAA. pic.twitter.com/bqdM0Uwxqh
वहीं शरजील इमाम की ओर से पेश हुए वकील तनवीर अहमद मीर ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल द्वारा दिए गए भाषणों में हिंसा को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया था। अभियोजन द्वारा लगाए गए आरोप केवल बयानबाजी थी, जिनका कोई आधार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की आलोचना करना देशद्रोह नहीं हो सकता है।
[BREAKING] Delhi Court orders framing of #Sedition and other charges including those under Unlawful Activities Prevention Act against #SharjeelImam in a #DelhiRiots case. pic.twitter.com/NLiwkp0rXc
— Bar & Bench (@barandbench) January 24, 2022
शरजील इमाम का नाम शाहीन बाग़ प्रदर्शन के मुख्य आयोजकों में भी लिया जाता है। वह JNU का पूर्व छात्र है। 2013 में उसने जेएनयू में आधुनिक इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। इसी के साथ उसने एमटेक की पढ़ाई आईआईटी बॉम्बे से पूरी की। वह मूल रूप से वह बिहार के जहानाबाद स्थित गाँव काको का निवासी है। शरजील इमाम पर मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी केस दर्ज हैं।
शरजील पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उसने अपना भाषण ‘अस-सलामु अलैकुम’ बोल कर शुरू किया था, जो यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि वह एक विशेष समुदाय को भड़काने का प्रयास कर रहा था। इमाम को 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी, 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवसिर्टी में भड़काऊ भाषण देने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि शरजील इमाम को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद के काको से गिरफ्तार किया गया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देते हुए उसने कहा था, “अब वक्त आ गया है कि हम गैर-मुस्लिमों से बोलें कि अगर हमारे हमदर्द हो तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हो। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नॉर्थ-ईस्ट और हिंदुस्तान को परमानेंटली काट कर अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। मतलब इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।” वह 28 जनवरी, 2020 से जेल में बंद है।