दिल्ली की अदालत ने दिल्ली पुलिस के उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में नए सप्लीमेंट्री चार्जशीट को स्वीकार करते हुए कहा कि आरोपित उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ यूएपीए के प्रावधानों के तहत अपराध करने के पर्याप्त सबूत हैं।
Delhi court considers & accepts fresh supplementary chargesheet in North East Delhi violence case; says there is sufficient material to proceed against accused Umar Khalid, Sharjeel Imam & Faizan Khan for offences under provisions of UAPA.
— ANI (@ANI) November 24, 2020
बता दें कि दिल्ली दंगों पर दायर सप्लीमेंट्री आरोप पत्र में पुलिस ने उमर खालिद को ‘आला दर्जे का देशद्रोही’ करार दिया है। साथ ही कहा है कि खालिद इस्लामी आक्रामकता और वामपंथी अराजकता की दो अलग-अगल धाराओं को मिलाने वाली मजबूत कड़ी है। पुलिस का दावा है कि उमर खालिद ने बहुत दिमाग लगाकर दिल्ली दंगों की साजिश रची थी।
भारत तेरे टुकड़े से लेकर तेरा मेरा रिश्ता क्या के नारे तक उमर का सफर
चार्जशीट की शुरुआत में कहा गया, ”जाँच से साबित हो गया कि उमर खालिद ने 2016 में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह’ का नारा देने से लेकर वर्तमान में ‘तेरा मेरा रिश्ता क्या ला इलाहा इल्ललाह’ के नारे के जरिए आतंकवादी घटना को अंजाम देने की आपराधिक साजिश तक का सफर कैसे पूरा किया।” इसमें आगे कहा गया, “2016 में भारत को टुकड़े करने पर ध्यान केंद्रित था जो 2020 आते-आते सारे रिश्तों का केंद्रबिंदु उम्मा (सारी दुनिया में समुदाय विशेष के लोगों को एक कौम मानने की विचारधारा) हो गया जो धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रीय पहचान के बिल्कुल खिलाफ है।”
उमर के देशद्रोही होने के पुलिस ने दिए ये सबूत
करीब 200 पन्नों के आरोप पत्र में पुलिस ने अपने दावों की पुष्टि तकनीकी साक्ष्यों, अदालतों के बयानों, वॉट्सऐप चैट्स और इंटरनेट प्रॉटोकॉल के विश्लेषण और विस्तृत कॉल रिकॉर्ड्स के जरिए करने का प्रयास किया। दिल्ली पुलिस ने नए व्हाट्सएप ग्रुप ‘CAB टीम’ के चैट्स का ट्रांसक्रिप्ट करवाकर अदालत को सौंपा। इस व्हाट्सएप ग्रुप में कोर ग्रुप के चुनिंदा सदस्य ही जुड़े थे। चार्जशीट कहती है कि दंगों की साजिश में उमर खालिद की भूमिका का पहला आधार 5 दिसंबर, 2019 को पकड़ में आया जब शरजील इमाम ने उसकी तरफ से ‘मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया।
चार्जशीट के मुताबिक इन दंगों में खालिद का हाथ था। उसने दूर से इन दंगों को कंट्रोल किया था, जिसके कारण 53 लोगों की जान चली गई। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान इन दंगों को भड़काया, ताकि इस पूरे मामले को अंतरराष्ट्रीय कवरेज मिले और सीएए को लेकर सरकार पर दबाव बने।
यह चार्जशीट आईपीसी की धारा 13/16/17/18 UAPA act, 120B, 109, 114,201, 124A, 147,148,149, 153A, 186, 420 समेत कई गंभीर धाराओं में दाखिल की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है पुलिस जल्द से जल्द शेष आरोपितों के ख़िलाफ़ भी चार्जशीट दायर कर देगी।