जो आशंका शुरु से जताई जा रही थी, वो सही साबित हो रही है। ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर देश विरोधी ताकतें देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा फैलाने की साजिश लंबे समय से रच रही थीं। आज वो आशंका सच साबित हुई है जब दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के नाम पर पत्थरबाजी, आगजनी और गुंडागर्दी की जा रही है।
Police seize Liquor from tractors, police sit on roads to block rally #Delhi #TV9News #Tractorrally pic.twitter.com/jpC1Eazx48
— tv9gujarati (@tv9gujarati) January 26, 2021
इस बीच पुलिस ने शराब से भरे एक ट्रैक्टर को सीज किया है। सामने आए फोटो में देखा जा सकता है कि पूरा ट्रैक्टर शराब से भरा हुआ है। यानी कि शराब के नशे में ट्रैक्टरों को चलाया जा रहा है। देशी और विदेशी शराब से भरे इस ट्रैक्टर में नमकीन के पैकेट्स भी हैं। जबकि ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की गई गाइडलाइन में साफ तौर पर लिखा था कि इस दौरान किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन वर्जित होगा। ये तस्वीरें सवाल उठाती है कि क्या वाकई ये आंदोलनकारी किसान हैं?
#WATCH | Confrontation between farmers & Delhi Police reported in several points during the tractor rally.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 26, 2021
Mohit Sharma, Waji, Parvina with ground details. pic.twitter.com/UaIRZllyi9
वहीं आंदोलन कर रहे किसानों का दिल्ली पुलिस के साथ मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को टकराव हो गया है। कई किसानों का पुलिस के साथ आमना-सामना भी हुआ। कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के राष्ट्रीय राजधानी के आईटीओ पहुँचने के बाद दिल्ली में आगे की ओर बढ़ने की कोशिश पर पुलिस के साथ भिड़ंत हुई। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और आँसू गैस के गोले दागे।
किसानों ने तय समय से पहले विभिन्न सीमा बिंदुओं से अपनी ट्रैक्टर परेड शुरू की। किसान अनुमति नहीं मिलने के बावजूद मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुँच गए। प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे, तलवार लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते हुए दिखे। पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आँसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की है कि वे कानून को हाथ में नहीं लें और शांति बनाए रखें। पुलिस की यह अपील राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प की घटना के बीच आई है। पुलिस ने किसानों से कहा कि वह पूर्व निर्धारित मार्ग पर ही ट्रैक्टर परेड़ निकाले।
बता दें कि किसानों के ट्रैक्टर मार्च के लिए अलग-अलग बॉर्डर से रूट तय किए गए थे, जिसे किसानों ने नहीं माना और कई जगह तय रूट की धज्जियाँ उड़ाईं गई। इतना ही नहीं रूट को तोड़ किसान लाल किले के अंदर तक जा घुसे और प्राचीर में खड़े होकर हथियार लहराने लगे।
राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पों के बाद मध्य एवं उत्तर दिल्ली के 10 से ज्यादा मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए।