दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (21 जुलाई, 2023) को ‘तहलका’ पत्रिका के मुख्य संपादक रहे तरुण तेजपाल को मानहानि के मामले का दोषी पाते हुए 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। उन्हें ये 2 करोड़ रुपए मेजर जनरल MS अहलूवालिया की याचिका पर ये फैसला सुनाया। ये याचिका 2002 में ही दायर की गई थी। 21 साल बाद इस मामले में फैसला आया है। जिस खबर से ये मामला जुड़ा हुआ है, उसे मार्च 2001 में पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।
इस खबर में MS अहलूवालिया को ‘मिडलमैन’ बताते हुए लिखा गया था कि नई रक्षा तकनीकों के आयत के लिए हुए करार में भ्रष्टाचार हुआ था। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने माना कि न सिर्फ मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया की प्रतिष्ठा को इससे ठेस पहुँची, बल्कि जनता की नजर में भी उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा। साथ ही गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनके चरित्र की भी बदनामी हुई। हाईकोर्ट ने माना कि इसके बाद किसी भी प्रकार के खंडन से इसकी भरपाई संभव नहीं है।
हाईकोर्ट ने इसका जिक्र किया कि कैसे मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया ने इस मामले में माफ़ी माँगने के लिए भी कहा, लेकिन ‘तहलका’ पत्रिका ने इनकार कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी द्वारा माफ़ी माँगने का अब कोई फायदा नहीं है, क्योंकि इतने वर्षों में याचिकाकर्ता काफी भुगत चुके हैं। अदालत ने कहा कि एक सैन्य अधिकारी के साथ ये सब ठीक नहीं हुआ। इसके बाद 2 करोड़ रुपए जुर्माने के रूप में देने का आदेश दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी ईमानदार सैन्य अधिकारी की प्रतिष्ठा धूमिल करने का इससे ज्यादा बेशर्म मामला नहीं हो सकता है। साथ ही ये भी माना कि उक्त सैन्य अधिकारी ने किसी भी प्रकार के घुस को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जबकि उन्हें कई बार ऑफर मिला। एक वीडियो टेप में एक रिपोर्टर ने उन्हें 50,000 रुपए घूस की पेशकश की थी। इस खबर को कई मीडिया वालों ने उठाया था, ये टीवी पर चला था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी अटेंशन इसे मिला था।
इसके बाद भारतीय सेना ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए जाँच का आदेश दिया था। इस जाँच में उन्हें क्लीन-चिट मिल गई थी और सिर्फ इस बात पर आपत्ति जताई गई थी कि उन्होंने संदिग्ध चरित्र वाले लोगों से मिलना स्वीकार किया। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय सेना में मेजर जनरल के पद पर रहे याचिकाकर्ता एमएस अहलूवालिया प्रतिष्ठा वाले व्यक्ति हैं। साथ ही कहा कि ऐसे व्यक्ति पर 50,000 रुपए घूस का आरोप लगने से ज्यादा बदनामी वाला आरोप नहीं हो सकता।
[BREAKING] Delhi High Court orders Tehelka, Tarun Tejpal, Aniruddha Bahal and Mathew Samuel to pay ₹2 crore to former Army Officer Major General MS Ahluwalia for defaming him in 2001 sting operation. pic.twitter.com/aaAvPFIZJq
— Bar & Bench (@barandbench) July 22, 2023
कोर्ट ने कहा कि मंशा जो भी रही हो, जिस तरीके से इस मामले की रिपोर्टिंग की गई वो सही नहीं था। ‘तहलका’ ने ‘Operation West End’ नामक इस रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अंडरकवर जर्नलिस्ट से 10 लाख रुपए और ब्लू लेबल व्हिस्की की एक बोतल की माँग की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि खोया धन पाया जा सकता है, लेकिन खोई प्रतिष्ठा नहीं। अब ये स्टिंग फर्जी साबित हो गया है।
बता दें कि इस मामले का बड़ा राजनीतिक प्रभाव भी पड़ा था। तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे बंगारू लक्ष्मण को भी इस्तीफा देना पड़ा था। 2012 में एक स्पेशल CBI कोर्ट ने उन्हें 4 साल की सज़ा सुनाई थी। 2014 में उनका निधन भी हो गया था। इस स्टिंग के ही अन्य हिस्सों के कारण ये मामले सामने आए थे। ‘तहलका’ का दावा था कि मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया ने 50,000 रुपए पेशगी के तौर पर इस स्टिंग में लिए थे।