अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की हाई कोर्ट ने कमलनाथ के भाँजे रतुल पुरी द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस याचिका का प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कोर्ट में विरोध किया गया था।
Agusta Westland money laundering case: Enforcement Directorate (ED) has produced businessman Ratul Puri before the Court in Delhi. ED seeks 14-day custody of Ratul Puri. https://t.co/MwOoYVvM5U
— ANI (@ANI) August 20, 2019
न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सुनील गौड़ ने ईडी और पुरी के वकीलों की दलीलें सुनकर कहा था कि वह याचिका पर आज बाद में फैसला सुनाएँगे।
सुनवाई के दौरान रतुल पुरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने निदेशालय पर आरोप लगाए थे कि उनका मुवक्किल पूरे मामले की जाँच में सहयोग करने को तैयार है। लेकिन एजेंसी का बर्ताव कानूनी दुर्भावना और प्रतिशोध से भरा हुआ था। जबकि ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल अमन लेखी ने पुरी की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि पुरी जाँच के दौरान सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं और उनके उत्तर भी ईडी को भ्रामक लग रहे हैं।
बता दें 6 अगस्त को रतुल पुरी ने अधिवक्ता विजय अग्रवाल के माध्यम से अपनी याचिका में निचली अदालत में दायर की थी, लेकिन उस समय उनकी अग्रिम जमानत को निचली अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया था। बाद में 9 अगस्त को अदालत ने पुरी के ख़िलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
इसके अलावा उनपर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 354 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में मोजरबियर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था