दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता ने हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद शीर्ष अदालत का रुख किया है। मंगलवार (30 मई 2023) को हाई कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत से इनकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
दिल्ली के शराब घोटाले में 26 फरवरी को सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी। ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की थी। लेकिन जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की अदालत ने राहत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “आरोप प्रकृति में बहुत गंभीर हैं। आरोपित सरकारी कर्मचारी थे। आवेदक सिसोदिया उच्च पद पर थे। एक ताकतवर व्यक्ति हैं। लिहाजा गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका है।”
हाई कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया 18 विभागों के साथ डिप्टी सीएम का पद सँभाल चुके हैं। इस मामले के ज्यादातर गवाह लोक सेवक हैं। इसलिए गवाहों के प्रभावित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि सिसोदिया को सीबीआई और ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई मामले में 31 मार्च को विशेष न्यायाधीश ने उन्हें जमानत से इनकार किया था। 28 अप्रैल को ईडी मामले में भी ट्रायल कोर्ट से उन्हें बेल नहीं मिली थी। इस मामले में उनकी जमानत याचिका हाई कोर्ट में है।
Former Delhi's Deputy Chief Minister Manish Sisodia to move to Supreme Court against Delhi High Court's decision on bail
— ANI (@ANI) May 30, 2023
Delhi HC rejected his bail plea in the CBI case alleging corruption in the implementation of previous liquor policy in national capital. https://t.co/GsYNTJfxzQ
बता दें कि 26 फरवरी 2023 को 8 घंटों तक चली लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने दिल्ली के तात्कालिक डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई के अनुसार सिसोदिया जवाब देने में टाल-मटोल कर रहे थे। मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी के बाद 28 फरवरी 2023 को सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका ख़ारिज करते हुए हाई कोर्ट जाने को कहा था। बता दें दिल्ली का उपमुख्यमंत्री रहते हुए मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। इस दौरान आम आदमी पार्टी की सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया था। इसमें कुछ लोगों को फायदा पहुँचाने का आरोप लगा है।
सिसोदिया की तरह ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन भी तिहाड़ जेल में बंद थे। लेकिन पिछले दिनों स्वास्थ्य के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें छह सप्ताह के लिए जमानत दे दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब एक साल जेल में रहने के बाद बाहर निकले जैन के दिल्ली छोड़ने पर रोक है। साथ ही वे गवाहों से भी जमानत अवधि में नहीं मिल सकते हैं।