Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजसेक्स पावर बढ़ाने वाली 'वियाग्रा' के लिए चल रहा झगड़ा दिल्ली हाई कोर्ट में...

सेक्स पावर बढ़ाने वाली ‘वियाग्रा’ के लिए चल रहा झगड़ा दिल्ली हाई कोर्ट में फरिछाया, माना फाइजर का ही है अधिकार-रेनोविजन पर लगा जुर्माना

फाईजर ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका लगा कर कह था कि एक अन्य कम्पनी रेनोविज़न भी वियाग्रा से मिलते जुलते नाम से अपने उत्पाद बेच रही है। फाइजर ने इसकी बिक्री प्रतिबंधित करने की माँग की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय में कहा है कि अमेरिकी फार्मा कम्पनी फाइजर को ही ‘वियाग्रा’ नाम से अपने उत्पाद बेचने का अधिकार है। हाई कोर्ट ने कहा कि कोई अन्य कम्पनी इससे मिलते जुलते नाम से उत्पाद नहीं बेच सकती। हाई कोर्ट ने इसको लेकर एक कम्पनी को फाइजर को ₹3 लाख देने का भी आदेश दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फाईजर ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका लगा कर कह था कि एक अन्य कम्पनी रेनोविज़न भी वियाग्रा से मिलते जुलते नाम से अपने उत्पाद बेच रही है। फाइजर ने इसकी बिक्री प्रतिबंधित करने की माँग की थी। फाइजर ने रेनोविजन के ‘विगोरा’ नाम से बेचे जाने वाले उत्पादों के खिलाफ यह याचिका दायर की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि फाइजर के वियाग्रा नाम से उत्पाद बेचने से पहले यह नाम कहीं और नहीं था और ना ही इसका कोई शाब्दिक अर्थ होता है। इसके अलावा उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य भी इसी बात की गवाही देते हैं। कोर्ट ने कहा कि फाइजर ने भारत में भी इस नाम का पंजीकरण करवाया है जो कि उन्हें यह नाम उपयोग करने का एकल अधिकार देता है। हाई कोर्ट ने रेनोविजन की दलीलें भी इस मामले में में खारिज कर दी।

रेनोविजन ने कहा कि विगोरा के नाम से बिकने वाले उसके उत्पाद वियाग्रा से अलग हैं और उनके बनने तथा उनके असर करने की विधि भी अलग है। रेनोविजन ने कोर्ट से दावा किया कि जहाँ फाइजर का वियाग्रा उत्पाद पुरुषों की शक्तिवर्धक दवाई है तो वहीं उसका विगोरा उत्पाद होम्योपैथिक है और महिलाओं की मासिक धर्म सम्बन्धित समस्याओं को सही करने के लिए है। कम्पनी ने विगोरा 1000, विगोरा 2000 और विगोरा 5000 के नाम से बेचे जाने वाले उत्पादों को फाइजर के उत्पादों से अलग बताया।

हाई कोर्ट ने फाइजर की दलीलों को सही मानते हुए कहा कि रेनोविजन के उत्पादों के नाम फाइजर के उत्पादों से मिलते हैं। हाई कोर्ट ने इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने रेनोविजन को यह भी आदेश दिया कि वह ₹3 लाख फाइजर को चुकाए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -