देश की राजधानी दिल्ली के कालिंदी कुंज में एक हिन्दू परिवार को अपने ही घर में पूजा करने पर धमकियाँ मिल रही हैं। पूजा में बजने वाले शंख और घंटी की आवाज पर समुदाय विशेष के पड़ोसियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस मामले में पीड़ित ने कई दिन बीत जाने पर पुलिस पर FIR न दर्ज करने का आरोप लगाया है। यह घटना 19 अक्टूबर 2021 (मंगलवार) की बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना मदनपुर खादर एक्सटेंशन की है। यहाँ पर रोशन पाठक अपनी पत्नी शांति और 2 बच्चों के साथ 24 साल से रहते हैं। अपने घर का भरण पोषण करने के लिए रोशन पाठक रिक्शा चलाते हैं। रोशन पाठक की बेटी के अनुसार मंगलवार 19 अक्टूबर को उनके घर में पूजा हो रही थी। उसी समय उनका पड़ोसी दानिश उनके घर में घुस गया। वो पूजा बंद करने की धमकी देने लगा।
दानिश ने दोबारा शंख और घंटी न बजाने की चेतावनी दी। उसने बताया कि पूजा की आवाज से उसकी नींद में खलल पड़ता है। इसी के साथ उसने आस-पास के कई मुस्लिम परिवारों को भी जमा कर लिया। उन सब ने मिल कर पाठक परिवार को दोबारा घंटी और शंख न बजाने के लिए धमकाया।
अपनी शिकायत में पीड़ित परिवार ने दानिश द्वारा पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। इसी के साथ दोबारा ऐसा करने पर भगवान की मूर्ति को उठा कर बाहर फेंक देने की धमकी दी गई। पीड़ित परिवार ने अपनी शिकायत में घर में लूट-पाट की भी आशंका जताई है।
आख़िरकार रोशन पाठक ने इस घटना की पुलिस में शिकायत की। उनके अनुसार पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब इस मामले की जानकारी हिन्दू संगठनों को हुई तो उन्होंने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। विश्व हिंदूू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दिल्ली पुलिस से माँग की है। विनोद बंसल ने लिखा, “दिल थामकर पढ़ना- ये खबर पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश की नहीं अपितु में पनप रहे जिहादिस्तान की है.. घर में भी पूजा नहीं कर सकते हिन्दू?”
Even after a written complaint by the victim family @DelhiPolice couldn’t lodge an FIR? Is Jihadist’s presure so high or hindu r the second class citizen..!! pic.twitter.com/GsWKn1mNAE
— विनोद बंसल (@vinod_bansal) October 28, 2021
विनोद बंसल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राजधानी में जिहादी मानसिकता के लोगों की हिंदू संस्कृति पर कुठाराघात की घटनाएँ बढ़ी हैं। पुलिस को कार्रवाई कर ऐसी मानसिकता के लोगों को सख्त संदेश देना चाहिए। इस मामले में पीड़ित परिवार का कहना है कि वे पिछले 24 सालों से यहाँ रह रहे हैं।
पहले उन्हें कोई समस्या नहीं होती थी, लेकिन जैसे-जैसे दूसरे समुदाय के लोगों की तादाद बढ़ती गई उन्हें पूजा के लिए टोका जाने लगा। पिछले तीन साल से उनके परिवार को कई बार पूजा बंद करने और शंख-घंटी न बजाने के लिए धमकाया जा चुका है।