दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (28 जुलाई 2022) को जहाँगीरपुरी हिंसा पर दाखिल आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया। सभी 37 आरोपितों को अदालत ने 6 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया है। रोहिणी कोर्ट ने यह भी माना कि हिंसा साजिश के तहत अंजाम देने की बात को साबित करने के लिए चार्जशीट में पर्याप्त सबूत हैं।
मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट दीपिका सिंह की कोर्ट ने आरोपितों को नोटिस जारी करते हुए यह भी माना कि हिंसा 2020 में दिल्ली में हुए सीएए विरोधी दंगों की कड़ी है। जहाँगीरपुरी में इस साल अप्रैल में हुनमान जयंती पर निकाली गई शोभा यात्रा पर हमला किया गया था।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 15 जुलाई 2022 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए 16 अप्रैल 2022 को हुई हिंसा को सुनियोजित बताया था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में मोहम्मद अंसार, तबरेज और शेख इशर्फिल को मुख्य आरोपित बनाया है। इन तीनों पर दंगों की प्लानिंग और उसे अंजाम देने का आरोप है।
चार्जशीट के मुताबिक हमले से 6 दिन पहले ही इसकी साजिश रची जा चुकी थी। छतों पर शीशे और पत्थर जमा कर लिए गए थे। काँच की बोतलें और पत्थर फेंकने के लिए शेख इशर्फिल की ही छत का प्रयोग किया गया था। पुलिस ने इन तमाम जानकारियों को जुटाने के लिए 2300 मोबाइल फोन के डाटा और 58 सीसीटीवी फुटेज की जाँच की।
Delhi Police Crime Branch files chargesheet pertaining to the Jahangirpuri riots today in Delhi’s Rohini Court.
— ANI (@ANI) July 14, 2022
शेख इशर्फिल को इलाके का पार्किंग माफिया भी कहा जाता है। उस पर CAA हिंसा में भी सक्रिय भागीदारी का आरोप है। उसके 2 बेटे भी आपराधिक सोच वाले बताए जा रहे हैं, जिनके नाम अशनूर और मोहम्मद अली हैं। पुलिस ने इस केस में 2 नाबालिगों को भी पकड़ा है जिनका मामला किशोर न्याय बोर्ड में अलग से चल रहा है।
यह चार्जशीट 2000 पन्नों की है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कुल 45 लोगों को आरोपित किया है। इसमें 37 को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें तीनों मुख्य आरोपित भी शामिल हैं। आरोप पत्र में यह भी बताया गया है कि जिस शोभायात्रा पर हमला किया गया था उसके लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी, जिसकी जाँच अलग से की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपितों में से कुछ को जमानत भी मिल चुकी है। पुलिस ने कोर्ट में सबूत के तौर पर वो वीडियो भी पेश किए हैं जो आरोपितों की पहचान में काम आए थे। चार्जशीट में आरोपितों पर IPC की धारा 147, 148, 149, 186, 353, 332, 323, 427, 436, 307 और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।