दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकनायक अस्पताल में शवों की बदत्तर स्थिति का जायजा लेने के बाद दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने शवों को लेकर मानवाधिकारों के उल्लंघन पर आपत्ति जताई गई है। साथ ही इस मामले पर वकीलों के साथ दिल्ली सरकार और तीनों एमसीडी को शुक्रवार (29,मई2020) को अदालत में पेश होने को कहा है।
देश में लगातार कोरोना के आँकड़े बढ़ते चले जा रहे है। ऐसे में दिल्ली की दशा भी आए दिन और खराब होती चली जा रही है। दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों के मौत के मामलों में वृद्धि लोकनायक अस्पताल के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बता दें इस वक्त दिल्ली में लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल कोविड-19 का सबसे बड़ा अस्पताल है।
हाल ही में मीडिया में लोकनायक अस्पताल की मॉर्चरी में रखे शवों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी। जिसमें अस्पताल स्थित कोविड-19 मॉर्चरी में 108 शव रखे हुए हैं। मॉर्चरी में 80 शवों वाले रेक के भरने के बाद 28 कोरोना संक्रिमत शवों को ज़मीन पर एक के ऊपर रखा गया था।
दरअसल, लोकनायक अस्पताल में इस वक्त सिर्फ कोविड 19 के मरीजों का ही इलाज चल रहा है। जिसके चलते अस्पताल का शवगृह सिर्फ़ उन शवों से भरा है जिनकी मौत कोरोना से हुई है या वो कोरोना के संदिग्ध थे। सभी शवों को अलग-अलग पीपीई किटों में पैक किया गया हैं। दिल्ली के 16 कोविड 19 अस्पतालों में भर्ती 2242 में से 602 मरीज लोकनायक में भर्ती हैं।
अस्पताल अधिकारी ने शवगृह की हालत बताते हुए कहा कि, अभी तक पाँच दिन पहले जिनकी मौत हुई थी उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से मॉर्चरी में हर दिन संख्या बढ़ती चली जा रही है। पिछले हफ्ते जमीन पर 28 की जगह 34 शव रखें हुए थे।
आगे कहा कि 26 मई को आठ शवों को निगमबोध घाट के सीएनजी श्मशान घाट से लौटा दिया गया क्योंकि सीएनजी श्मशान घाट और ज्यादा शवों का शवदाह करने की स्थिति में नहीं था। वहाँ की छह भट्टियों में से केवल दो ही काम कर रही थीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार मंगलवार निगमबोध घाट पर इलेक्ट्रिक शवदाह भट्ठी की सिर्फ दो ही सीएनजी शवदाह भट्टियाँ काम कर रही थी, जिसकी वज़ह से वो ज्यादा भार नहीं ले सकते इसलिए बचे हुए शवों को उन्होंने वापस अस्पताल भेज दिया था। इस श्मशान घाट पर अब तक 244 कोविड संक्रमित या संदिग्ध संक्रमितों का दाह संस्कार कर चुका है।
कोर्ट ने इस भयावह स्थिति को लेकर सरकार और नगर निगम से जवाब माँगा है। कोर्ट ने नोटिस के जरिए शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी तय करने और इससे निपटने के लिए आधिकारिक तौर पर पूरा भी माँगा है।
जानकारी के लिए बता दें कोरोना के सभी हिंदू मरीजों या संदिग्धों का इलेक्ट्रिक भट्ठी में दाह संस्कार होता है। जिसके लिए इन्हें निगमबोध घाट या पंजाबी बाग ले जाया जाता है। वहीं दूसरे समुदाय और ईसाइयों के शवों का अंतिम संस्कार आयकर कार्यालय के इलाके में बने चार कब्रिस्तान मंगोलपुरी, मदनपुर खादर और शास्त्री पार्क में किया जाता है।