दिल्ली दंगों के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 1100 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। रतनलाल की हत्या 24 फ़रवरी को हुई थी।
पुलिस ने चार्जशीट में खुलासा किया है कि इससे 2 दिन पहले 22 फ़रवरी को ही 50 लोगों के एक समूह ने बैठक की थी, जहाँ हिंसा की पूरी साज़िश रची गई। दंगाइयों ने अपने घर के बच्चों व बुजुर्गों को पहले ही घर के भीतर रहने को बोल दिया था और ख़ुद हथियार लेकर निकले।
ये लोग 23 फरवरी को भी हंगामे के लिए निकले थे, लेकिन उस दिन ज्यादा कुछ नहीं किया गया और ये सभी वापस आ गए। 24 फरवरी को सारे उपद्रवी एक बार फिर से घर से बाहर निकले और हिंसा शुरू कर दी। शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा, एसपी अनुज शर्मा और हेड कांस्टेबल रतनलालगंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान रतनलाल की मौत हो गई थी।
उनकी मौत के बाद पूरे देश में एक आक्रोश की लहर दौड़ गई थी और सभी ने एक सुर में इस घटना की निंदा की थी। इस मामले में 5 मास्टरमाइंड हैं, जिनमें सलीम खान, सलीम मुन्ना और शादाब का नाम शामिल है। ‘आज तक’ की ख़बर के अनुसार, इस मामले की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने कुल 17 आरोपितों को गिरफ़्तार किया था। उन सभी को आरोपितों की सूची में डाला गया है। कई आरोपित फरार भी हैं।
Delhi violence matter: Delhi Police to file chargesheet today in connection with the murder of Head Constable Ratan Lal during the violence. pic.twitter.com/EwF9Mb72Uo
— ANI (@ANI) June 8, 2020
चार्जशीट में पुलिस ने पुख्ता सबूत पेश किए हैं। जानकारों का कहना है कि पुलिस का पक्ष इस मामले में काफी मजबूत है और सुनवाई के बाद आरोपितों के गुनाहों का साबित होना तय है। चार्जशीट में सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल की वीडियो फुटेज और फोन कॉल डिटेल्स के साथ-साथ मौके पर उपस्थित गवाहों, पुलिसकर्मियों और और अन्य चश्मदीदों के बयान भी जोड़े गए हैं। इस घटना में क़रीब 60 लोग गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं।
पुलिस ने चार्जशीट में ये भी कहा है कि रतनलाल की हत्या एक गहरी साजिश का हिस्सा थी। 24 फरवरी को मौजपुर क्रॉसिंग के पास हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच झड़प से दोपहर 12 बजे के क़रीब हिंसा भड़क उठी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘टाइम्स नाउ’ को बताया कि 5000 लोग वहाँ जुट गए थे और पत्थरबाजी भी हो रही थी। 1 बजे एक बड़ी भीड़ ने चाँदबाग में डीसीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों पर हमला बोल दिया, जिसमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस की मानें तो चाँदबाग में जिस तरह से सीएए विरोधी प्रदर्शन में लोगों को भड़काया गया और धरने ओर बिठाया गया, उसका दंगे फैलाने में अहम रोल था। रतन लाल की हत्या भी साज़िश का हिस्सा थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बलिदानी कॉन्स्टेबल की पत्नी को पत्र लिख कर संवेदना जताते हुए कहा था कि रतनलाल एक बहादुर एवं कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी थे, जिन्होंने कठिन चुनौतियों का सामना किया और एक सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने देश की सेवा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने रतन लाल के निधन को असामयिक बताते हुए कहा था कि वो एक सच्चे सिपाही थे।