Tuesday, November 5, 2024
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सेक्स के लिए मसाज और स्पा सेंटर जाता था जीशान-जुबैर का गैंग, ‘पुलिस वर्दी’ में करता था लूटपाट: नेपाल कनेक्शन से धराया

जीशान-जुबैर का गैंग जहाँ छापा मारते, वहाँ जाकर सबसे पहले स्पा कर्मचारियों और कॉलगर्ल्स के फोन जमा करवाते थे। जुबैर पुलिस की फर्जी वर्दी का जुगाड़ करता था। 3 को दिल्ली पुलिस ने धर लिया।

देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसा अपराधिक गैंग पकड़ा गया है, जो खुद को दिल्ली पुलिस बताते हुए किसी मसाज या स्पा सेंटर में जाते थे और फिर लूटपाट करते थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जीशान उर्फ़ शानू इस पूरे गैंग का सरगना है। इसके गैंग में जुबैर, इमरान, अमीर और अमजद शामिल थे।

जानकारी के अनुसार, यह गैंग दिल्ली में चलने वाले स्पा और मसाज सेंटर, जिनमें से कई अवैध देह व्यापार में लिप्त हैं, पर दिल्ली पुलिस की वर्दी पहन कर जाते थे। इसके बाद इनके अवैध कारनामों का भंडाफोड़ करने के नाम पर लूटपाट करते थे। इस गैंग ने ऐसी कई वारदातें की थीं।

जीशान उर्फ़ शानू का पूरा गैंग यह फर्जी धंधा चलाते थे। इसके लिए यह गैंग जस्टडायल की मदद से स्पा सेंटर और कॉलगर्ल्स का नम्बर निकालता था। इसके पश्चात इनसे फ़ोन पर बात करके इनमें से एक आरोपित इन सेंटर में ग्राहक के तौर पर सेक्स के लिए जाता था। उस फर्जी ग्राहक के पीछे से दिल्ली पुलिस का फर्जी गैंग छापा मार देता था।

लूटने के लिए जीशान का गैंग फिल्मी अंदाज में काम करता था। जहाँ यह छापा मारते, वहाँ जाकर सबसे पहले स्पा कर्मचारियों और कॉलगर्ल्स के फोन जमा करवाते थे। ऐसा इसलिए ताकि किसी को बाहर यह सूचना ना मिल सके। यह गैंग यहाँ इन लोगों के साथ मारपीट भी करते थे और रुपए, पैसे लूटते हुए धमकाते भी थे।

इन आरोपितों में इमरान खुद को दिल्ली पुलिस का कॉन्स्टेबल अशोक राणा जबकि जीशान उर्फ़ शानू खुद को दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर जाकिर खान बताता था। स्पा वालों को विश्वास दिलाने के लिए कि यह दिल्ली पुलिस से ही हैं, ये आरोपित दिल्ली पुलिस की फर्जी वर्दी, वॉकी-टॉकी, फर्जी आईडी कार्ड समेत अन्य पहचान वाले कागज लेकर जाते थे। जुबैर पूरे गैंग के लिए पुलिस की वर्दी का जुगाड़ करता था।

असली दिल्ली पुलिस ने इन ‘नकली दिल्ली पुलिस’ को पकड़ा

दिल्ली पुलिस को इन आरोपितों के विषय में सीमापुरी से एक फोन कॉल मिली कि उनसे कुछ लोगों ने घर में घुस कर ₹33,000 लूट लिए हैं। एक अन्य कॉलर ने इसी प्रकार ₹50,000 की लूट की जानकारी दी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जाँच चालू की।

इनमें से एक घटनास्थल पर दिल्ली पुलिस को एक पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र मिला। यह प्रमाण पत्र आरोपित छापे के दौरान छोड़ गए थे। पुलिस ने जब इसका पता लगाया तो यह नेपाल के किसी व्यक्ति के नाम पर निकला। दिल्ली पुलिस ने नेपाल के इस आदमी से सम्पर्क स्थापित किया।

नेपाल में संपर्क करने के बाद इस मामले में फिर से केस दिल्ली की ओर मुड़ा। उस नेपाली शख्स ने बताया कि दिल्ली पुलिस का सत्यापन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उसने जाफराबाद निवासी शानू को पैसे दिए थे और उससे ही यह कागज बनवाया था। इस नेपाली व्यक्ति से पुलिस को शानू का नम्बर भी मिल गया।

दिल्ली पुलिस ने इसका कॉल रिकॉर्ड निकाल कर जीशान उर्फ़ शानू को जाफराबाद से पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर दो अन्य आरोपित भी पकड़े गए। दिल्ली पुलिस अब इनसे पूछताछ करके और लूटपाट संबंधी घटनाओं का खुलासा करने का प्रयास कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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