दिल्ली पुलिस के शाहीन बाग (Shaheen Bagh Police Station) पुलिस स्टेशन में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत यह मामला दर्ज करते हुए पीएफआई की तीन प्रापर्टी भी सील कर दी हैं। पुलिस का दावा है कि इन तीनों दफ्तरों में पीएफआई से जुड़े लोग संदिग्ध और खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस ने पीएफआई के तीन दफ्तरों (जैद अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर, अबू फजल एन्क्लेव जामिया नगर में हिलाल हाउस के ग्राउंड फ्लोर और टिहरी मंजिल जामिया) को यूएपीए की धारा 8 के तहत सील कर दिया है। बीते दिनों दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, पीएफआई ने इन कार्यालयों से संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दिया था। पुलिस ने यह कार्रवाई इन दफ्तरों की तलाशी के बाद की है।
वहीं, ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष व एसडीपीआई के सक्रिय सदस्य मो. अहमद बेग नदवी ने पुलिस रिमांड के दूसरे दिन पूछताछ में यह बात कबूल की है कि पीएफआई से युवकों को जोड़ने के लिए उसके सदस्य कई तरह की लग्जरी सुविधाएँ देते थे। प्रशिक्षण के दौरान और बाद में घूमने-फिरने का भी पूरा इंतजाम किया जाता था। ताकि अन्य युवक भी तेजी से उनके साथ जुड़ें।
इसके अलावा प्रशिक्षण ले रहे युवकों से अपने दोस्तों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सुविधाओं के फोटो भेजने के निर्देश भी रहते थे। इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों को उसने बताया कि उसके उन्मादी भाषण भी यूटयूब के जरिए प्रशिक्षण ले रहे युवकों को सुनाए जाते थे। इससे उनका ब्रेनवॉश करने की कोशिश जाती थी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने PFI के 300 से अधिक नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद इस पर 5 साल का बैन लगाने का निर्णय लिया था। PFI को देश विरोधी और गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था। अपने आदेश में मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) और उससे जुड़ी 8 संस्थाओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। गृह मंत्रालय ने 27 सितम्बर 2022 को यह निर्णय लिया था।