अजान को लेकर देश में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। गीतकार जावेद अख्तर ने लाउडस्पीकर पर अजान देने का विरोध किया है। कट्टरपंथियों और AIMIM के नेता के बाद अब देवबंदी उलेमा ने इस पर नाराजगी जाहिर किया है।
मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि संविधान इसकी इजाजत देती है तो फिर किसी को बयानबाजी कर सुर्खियाँ बटोरने का कोई मतलब नहीं है।जावेद अख्तर जो माँग कर रहे हैं, यह पहले पहले भी होती आई है। देश के लोगों को इनपर ध्यान नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अजान से समुदाय के लोगों को मालूम हो जाता है कि नमाज का वक्त हो गया है। वो अपनी इबादत में लग जाते हैं। अजान मात्र चंद मिनटों की होती है। इससे किसी को कोई ऐतराज और परहेज नहीं होना चाहिए। हिंदुस्तान का संविधान भी इसकी इजाजत देता है।
मौलाना कासमी ने कहा कि हर इंसान को अपने मजहब पर अमल करने की पूरी आजादी है। संविधान और इस्लाम की शरीयत की मुखालफत करना छोड़ दे। इस तरह की बयानबाजी सुर्खियों में रहने के लिए कुछ लोग करते हैं।
मौलाना ने आगे कहा कि जावेद अख्तर को यह मालूम होना चाहिए कि इस समय देश के हालात खराब है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है। इस पवित्र महीने के अंदर और कुराने पाक की बरकत के चलते लोग दुआ कर रहे हैं कि कोरोना बीमारी का खात्मा करें। ये हालात जावेद अख्तर जैसे लोगों को अपने आप को चमकाने के लिए नहीं है।
बता दें कि इससे पहले जावेद अख्तर के खिलाफ जहर उगलते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता सैयद असीम वकार ने तो यहाँ तक कह दिया था कि जावेद अख्तर मुस्लिम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने बहुत जल्दी दिखा दिया कि इस लंबे से कुर्ते के नीचे जो ज्ञान है, वह खाकी निकर से निकल कर आ रहा है।
उनका कहना था कि जावेद अख्तर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ कनेक्शन हैं और वह मजहब के खिलाफ इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि वह मौजूदा सरकार में राज्यसभा सीट चाहते हैं।
शेख हमजा नाम के एक यूजर ने लिखा था, “वह (जावेद अख्तर) मजहब और इस्लाम पर धब्बा है। जिसे भी अजान से दिक्कत है, उसे इस्लाम से निकाल फेंकना चाहिए। ऐसे इंसान को हम आस्तीन का साँप और गद्दार बोल सकते हैं।”
उल्लेखनीय है कि जावेद अख्तर ने शनिवार (मई 9, 2020) को किए अपने ट्वीट में कहा था, “भारत में तकरीबन 50 साल तक लाउडस्पीकर पर अजान हराम थी। इसके बाद ये हलाल हो गई और इस कदर हलाल हुई कि इसकी कोई सीमा ही नहीं रही। अजान करना ठीक है, लेकिन लाउडस्पीकर पर इसे करना दूसरों के लिए दिक्कत का सबब बन जाता है। मुझे उम्मीद कि कम से कम इस बार वो दूसरों को हो रही परेशानी को समझते हुए लाउडस्पीकर पर अजान देना खुद ही बंद कर देंगे।”