झारखंड की राजधानी राँची (Ranchi, Jharkhand) में एक दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से रोकने के मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो एयरलाइन (IndiGo Airlines) पर पाँच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। DGCA ने कहा कि एयरलाइन कर्मचारियों का बर्ताव बेहद बुरा था, इस कारण स्थिति खराब हुई।
DGCA ने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया की जरूरत होती है। भविष्य में ऐसी घटनाएँ ना हों, इसे सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव किया जाएगा। DGCA के अनुसार, “अगर इस मामले को सहानुभूति के साथ सँभाला गया होता तो बात इतनी नहीं बढ़ी होती कि यात्री को बोर्डिंग से मना कर दिया जाता।”
DGCA ने यह भी कहा है कि वह दिव्यांग यात्रियों को लेकर नागरिक उड्डयन दिशा-निर्देशों में बदलाव करेगा और सुनिश्चित करेगा कि ऐसा यात्रियों को बोर्डिंग से मना करने से पहले हवाई अड्डे पर डॉक्टर का लिखित कंसल्टेशन और पायलट-इन-कमांड के विचार लिया गया है।
Big Breaking: In view of this, the Competent Authority in DGCA has decided to impose a penalty of Rs. Five Lakhs on the airline under the provisions of the relevant Aircraft Rules. https://t.co/Qzdx7l603l
— Ashoke Raj (@Ashoke_Raj) May 28, 2022
DGCA ने एयरलाइन कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। जुर्माना लगाने से पहले निदेशालय ने जाँच के आदेश दिए थे। मामला 7 मई का है। इस दिन राँच हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से रोक दिया था। इस मामले ने तूल पकड़ा तो विमानन कंपनी ने कहा कि बच्चा फ्लाइट में चढ़ने से घबरा रहा था।
इंडिगो एयरलाइन के सीईओ रनजॉय दत्ता ने तब कहा था कि बोर्डिंग के समय बच्चा पैनिक में था, इसलिए एयरपोर्ट स्टाफ को यह कदम उठाना पड़ा। एयरलाइन ने कहा था कि उस परिवार को होटल में रुकवाया गया और अगले दिन सुबह की फ्लाइट से उन्हें गंतव्य तक पहुँचाया गया था।
स्थिति को जाँच करने और तथ्यों का पता लगाने के लिए विमानन नियामक एजेंसी DGCA तीन सदस्यीय टीम बनाई थी। इस टीम ने राँची और हैदराबाद जाकर एक सप्ताह के भीतर साक्ष्य एकत्रित किए थे। जाँच समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की गई है।
इस मामले का केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संज्ञान लिया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि इसकी पूरी जाँच उनकी निगरानी में ही होगी। सरकार और नियामक संस्था के कड़े रूख को देखते हुए एयरलाइन कंपनी ने माफी माँग ली थी।