Monday, September 16, 2024
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RG कर मेडिकल कॉलेज रेपकांड में संदीप घोष ने की थी सबूतों को नष्ट करने की कोशिश? BJP का आरोप- घटना के अगले दिन पूर्व प्रिंसिपल ने जारी किया था रेनोवेशन ऑर्डर

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कथित तौर पर संदीप घोष द्वारा जारी पत्र भी शेयर किया है, जिसमें संदीप घोष के हस्ताक्षर भी हैं।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के रेप-मर्डर केस केस में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर सबूत मिटाने के आरोप लगते रहे हैं। मृतका के माता-पिता और जूनियर्स डॉक्टर्स ने सबूत मिटाने के आरोप लगाए थे। इस बीच, एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि ये पत्र संदीप घोष ने जारी किया था और रेप-मर्डर के दूसरे ही दिन अस्पताल के सेमीनार हॉल में तोड़फोड़ और सबूत मिटाने की कोशिश की थी।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में गुरुवार (5 सितंबर 2024) को पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रेप की घटना के अगले दिन ही मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने लेटर लिखकर सेमिनार हॉल के पास रेनोवेशन करवाने का ऑर्डर दिया था। बता दें कि सेमिनार हॉल वही जगह है, जहाँ डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई।

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कथित तौर पर संदीप घोष द्वारा जारी पत्र भी शेयर किया है, जिसमें संदीप घोष के हस्ताक्षर भी हैं। बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने एक्स पर लिखा, ”आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डायरेक्टर संदीप घोष द्वारा साइन किया गया यह आदेश 10 अगस्त का है, जो पीड़िता की मौत के ठीक एक दिन बाद का है। सहकर्मियों और प्रदर्शनकारियों द्वारा घटनास्थल के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बावजूद, पुलिस आयुक्त ने इससे इनकार किया है।”

पत्र के मुताबिक संदीप घोष ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा था और टॉयलेट रेनोवेशन की अनुमति माँगी थी। संदीप घोष ने ऑन ड्यूटी डॉक्टरों के लिए टॉयलेट रूम बनाने हेतु निर्माण का आदेश दिया था। निर्देश में साफ दिख रहा है कि संदीप घोष ने लोकनिर्माण विभाग के सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को यह निर्देश दिया था।

सीबीआई पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि घटनास्थल से सबूत गायब हो गए हैं। ऐसे में घटनास्थल तोड़ने का निर्देश भी प्रासंगिक है। सीबीआई पहले ही इस मामले का जिक्र कोर्ट में कर चुकी है।

इस मामले में कई मीडिया रिपोर्ट्स पहले ही दावा कर रही थीं कि संदीप घोष ने घटना स्थल के पास मरम्मत कार्य का आदेश दिया था, जिससे साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पत्र के वायरल होने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी और पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। बीजेपी का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन और राज्य सरकार ने इस घटना को छुपाने की कोशिश की है।

गौरतलब है कि 9 अगस्त 2024 के तड़के कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में नाइट ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या की गई थी। इस मामले में जब अन्य डॉक्टर इंसाफ माँगने प्रदर्शन पर उतरे तो उन्हें उपद्रवियों द्वारा डराया-धमकाया गया था। साथ ही अस्पताल में भी तोड़फोड़ हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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