हिमाचल प्रदेश के कॉन्ग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह पर उनकी पत्नी सुदर्शना ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। सुदर्शना का कहना है कि उनके बेडरूम में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए थे। विक्रमादित्य का शादी से पहले से अमरीक नाम की किसी महिला से अफेयर चल रहा था। यह शादी के बाद भी जारी रहा। सुदर्शना का कहना है कि विक्रमादित्य इस महिला से भी उन्हें टॉर्चर करवाते थे।
सुदर्शना ने घरेलू हिंसा को लेकर उदयपुर की कोर्ट में मामला दर्ज करवा रखा है। इसमें विक्रमादित्य सिंह के अलावा अपनी सास प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता, ननदोई अंगद सिंह और चंडीगढ़ की एक युवती को आरोपित किया है। पहले इन सबके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की बात सामने आई थी। अब अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोर्ट की वेबसाइट पर गलत सूचना अपलोड हो गई थी। अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी नहीं किया है। आरोपितों के आवेदन पर सूचना दुरुस्त कर दी गई है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार सुदर्शना सिंह का कहना है कि उनके पति विक्रमादित्य सिंंह का शादी से पहले से ही अमरीक नाम की लड़की से अफेयर था। वे उसी से शादी करना चाहते थे। लेकिन एक पंडित के कहने पर यह शादी नहीं हुई। पंडित का कहना था कि यदि वे अमरीक से पहली शादी करेंगे तो उनकी मौत हो जाएगी। सुदर्शना के अनुसार इसके बाद साजिश के तहत विक्रमादित्य ने उनसे शादी की।
सुदर्शना के अनुसार जब तक विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंंह जीवित रहे, उन्हें अच्छे से रखा गया। लेकिन बाद में उन्हें परेशान किया जाने लगा। सुदर्शना का आरोप है कि विक्रमादित्य व उनकी माँ प्रतिभा सिंंह उनके घराने को छोटा बताकर ताना मारते थे। दहेज को लेकर भी प्रताड़ित करते थे। कहा करते थे कि उन्हें उनकी हैसियत के हिसाब से दहेज नहीं दिया गया।
सुदर्शना के वकील भंवरसिंह देवड़ा का कहना है कि जुलाई में वीरभद्र सिंंह की मौत के बाद सुदर्शना को उदयपुर भेज दिया गया था। बकौल वकील सुदर्शना का कहना है कि विक्रमादित्य का दूसरी महिला के साथ अफेयर है और वह उसके साथ नहीं रहना चाहती है। सुदर्शना ने रहने के लिए मकान और भरण-पोषण के लिए हर माह पैसे की माँग की है। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2023 को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि वीरभद्र सिंह 6 बार हिमचाल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। अभी उनके बेटे विक्रमादित्य विधायक तो उनकी पत्ली प्रतिभा सिंह सांसद हैं। हिमचाल विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की जीत के बाद वीरभद्र सिंह की विरासत का हवाला देकर ये मुख्यमंत्री के पद पर दावेदारी भी जता रहे थे।