हरियाणा के नूँह जिले के पास अवैध खनन माफियाओं को रोकने गए डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की हत्या मामले में कुछ नए खुलासे हुए हैं। डंपर के भीतर बैठे इकरार की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि डंपर चढ़ाने के निर्देश उन्हें पीछे से मिले थे। इसके अलावा माफियाओं ने पुलिस से बचने के लिए जो-जो करतूत की उसका खुलासा भी हो चुका है। पुलिस ने इकरार के साथ हत्या में इस्तेमाल डंपर को भी बरामद किया है। उस पर रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि मंगलवार (19 जुलाई 2022) दोपहर 12 बजे डीएसपी सुरेंद्र सिंह जब औचक निरीक्षण के लिए पंचगाँव पहुँचे तो उन्होंने पत्थरों से भरे एक डंपर को अवैध खनन करते देखा। इसके बाद डीएसपी ने अपने साथ मौजूद एएसआई संजय कुमार, अंगरक्षक उमेश कुमार और गाड़ी ड्राइवर के साथ उस डंपर का पीछा किया और थोड़ी दूर जाकर गाड़ी ओवरटेक की गई।
डीएसपी सुरेंद्र ने गाड़ी से उतरकर डंपर चालक को गाड़ी बंद करने का इशारा किया जिसे देख डंपर एक बार रुका भी। लेकिन फिर पुलिसवालों को डंपर चालक ने देसी कट्टा दिखाकर कहा- ‘साइड हट जाओ वरना गोली मार देंगे।’
वहीं, इसी बीच पीछे आ रहे डंपर और गाड़ी में बैठे लोगों में से एक ने पुलिस वालों को डंपर रोकने पर सबक सिखाने की बात कही। वह बोला- ‘गाड़ी चढ़ा दे।‘ चालक ने निर्देश पाते ही बिन सोचे डीएसपी को रौंद डाला। घटना के वक्त अन्य पुलिसकर्मी भी वाहन में थे। मगर उन्होंने गाड़ी से कूदकर अपनी जानें बचाई।
मौके से फरार होने के लिए आरोपितों ने डंपर से भरे पत्थरों को पुलिस वाहन के सामने उड़ेला और उनका रास्ता ब्लॉक कर वहाँ से फरार हो गए। चार घंटे बाद जाकर सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम की फिर एक मुठभेड़ हुई और पैर में गोली लगने के बाद इकरार घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया।
फिलहाल पुलिस की 8 टीमें ऑपरेशन अन्य आरोपितों को ढूँढने की कोशिशों में लगी हुई हैं। कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी हो रही है। अवैध खनन से जुड़े हर व्यक्ति का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
डीएसपी हत्या केस में मंगलवार देर शाम तावड़ू सदर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज हो गई है। केस को साजिश के तहत हत्या, हत्या के प्रयास, सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुँचाने, सरकारी आदेश का उल्लंघन, आर्म्स एक्ट व माइनिंग एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
बता दें कि डीएसपी सुरेंद्र सिंह हिसार जिले के आदमपुर क्षेत्र के गाँव सारंगपुर के रहने वाले थे। उन्होंने 12 अप्रैल 1994 को हरियाणा पुलिस बतौर एएसआई ज्वाइन किया था। इसी वर्ष 31 अक्टूबर उनकी रिटायरमेंट थी। उन्होंने घर से निकलते वक्त कहा भी था कि वह घर जल्दी आएँगे क्योंकि अब तो रिटायरमेंट को कुछ ही समय बचा है।