Monday, November 18, 2024
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मुझसे पूछा ‘हिन्दू हो?’ फिर उठा ले गई मंदिर तोड़ने वाली भीड़ – 17 वर्षीय केशव लौटा घर

चाँदनी चौक में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ करने वाली रात ही केशव अपने घर वापस लौटकर नहीं आया था जिससे उसकी माँ चिंतित थी। मंदिर से गायब केशव की माँ ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।

चाँदनी चौक में मुस्लिम भीड़ द्वारा दुर्गा मंदिर तोडने, मंदिर में पेशाब करने जैसी घटनाओं के कई रहस्यमयी पहलू एक-एक कर जब सामने आए तो पता चला कि घटना के बाद से 17 साल का एक हिंदू किशोर केशव गायब हो गया था।

सुदर्शन न्यूज़ के अनुसार केशव घर पहुँच चुका है। सुदर्शन न्यूज़ से बात करते हुए केशव ने बताया कि घटना की रात वो दुर्गा मंदिर गली में खड़ा था, जहाँ 4-5 युवकों ने उसे आकर पूछा कि क्या वो हिन्दू है? अपनी पहचान हिन्दू बताने के बाद उन लड़कों ने केशव को थप्पड़ मारे और उसके साथ बदतमीजी की।

हालाँकि, ये देखकर एक मुल्ला जी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन लड़कों ने उन्हें भी वहाँ से चले जाने को कहा। केशव रात 10 बजे के लगभग गली में खड़ा था जब उसको वहाँ से खींचकर ले जा रहे थे। इसके बाद केशव वहाँ से अपनी पहचान छुपाने के लिए चेहरे पर कपड़ा लपेटकर भाग निकला।

चाँदनी चौक में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ करने वाली रात ही केशव अपने घर वापस लौटकर नहीं आया था जिससे उसकी माँ चिंतित थी। मंदिर से गायब केशव की माँ ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।

एफआईआर के मुताबिक, दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ और गली में रहने वाले हिंदुओं की पिटाई करने के बाद मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ मोना के घर में घुस गई और उसके बेटे को पीटने लगी। जब मुस्लिमों की भीड़ घर में घुसी और उसके बेटे को अगवा किया तब मोना आराम कर रही थी। केशव सक्सेना नामक इस युवा की बाद में कोई खबर नहीं लगी। इस नाबालिग के माता-पिता मोना और देवेंद्र गुस्से और सदमे में हैं।

कल ही केशव की माँ ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा, “मैंने पुलिस से बात करने की कोशिश की और उन्हें भरोसा दिलाया की उनकी बात सामने रखूँगी।” उन्होंने कहा, “हमारी बात कोई नहीं बता रहा। मेरा 17 साल का बेटा घटना वाले दिन से गायब है। मुस्लिमों की भीड़ उसे अगवा कर ले गई।” जब ऑपइंडिया एडिटर घटनास्थल पर पहुँचे तो इस घटना के तीन दिन बीत चुके थे और अभी तक भी केशव का कोई सुराग नहीं मिला था। जिससे एक बार सर सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की भी आशंका थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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