ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को संगठन में अलग-अलग पदों पर रखा गया था। इन्हें विदेश से हवाला के जरिए आई करोड़ों रुपयों की फंडिंग को देशविरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दिसंबर 2020 में PFI के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले डिटेल्स के आधार पर उनसे पूछताछ चल रही थी। ये सभी आरोपित PFI के बैंक खातों पर हस्ताक्षर करते थे।
जिन्हें गिरफ्तार किया है उसमें संगठन के संस्थापकों में से एक AS इस्माइल, PFI की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद शाकिफ, 2020 तक राष्ट्रीय सचिव रहे अनीस अहमद, प्रतिबंध के समय संगठन के राष्ट्रीय सचिव रहे अफसर पाशा और संगठन के मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष EM अब्दुल रहमान शामिल हैं। अब्दुल रहमान 70-80 के दशक में SIMI से भी जुड़ा हुआ था। वो PFI की ‘नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल’ का उपाध्यक्ष था। उसने कई बार तुर्की और अफ्रीकन देशों का दौरा किया।
अनीस अहमद को संगठन के लिए फंड इकट्ठा करने की जिम्मेदारी मिली थी। उसे नेशनल सेक्रेटरी और प्रवक्ता बनाया गया था। वहीं अफसर पाशा तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में संगठन का जोनल प्रेजिडेंट था। वो कर्नाटक यूनिट का सेक्रेटरी भी रहा। 2009 में मैसूर दंगों की साजिश रचने वालों में भी ये शामिल था और उसके बाद ‘जेल भरो अभियान’ में जेल भी गया था। वहीं इस्माइल नॉर्थ जॉन में संगठन का प्रेजिडेंट रहा है। कर्नाटक में सक्रिय रहा शाफिक भी नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल का मेंबर था।
प्रतिबंधित संगठन PFI पर लेकर ED का बड़ा खुलासा।गल्फ देशों से हवाला के जरिये आया करोडो रुपये का कैश।ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए समर्थकों के अकाउंट में जमा करवाया गया कैश।जिसे बाद में PFI के एकाउंट में करवाया गया ट्रांसफर।@dir_ed @indiatvnews pic.twitter.com/im0lyxCZaf
— Atul Bhatia (@Atul_Bhatia80) December 23, 2023
ये सभी अलग-अलग बैंकों में PFI की साइनिंग अथॉरिटी थे। जैसे, शाफिक बेंगलुरु के फ्रेजर टाउन स्थित कॉर्पोरेशन बैंक में, इस्माइल चेन्नई के मयलपोरे RH रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक में, पाशा बेंगलुरु स्थित फ्रेजर टाउन में कॉर्पोरेशन बैंक में और रहमान PFI के दिल्ली के कालका जी और कोझिकोड मे स्थित सिंडिकेट बैंक में संगठन का साइनिंग अथॉरिटी था। पता चला है कि अरब देशों में PFI के हजारों सक्रिय सदस्य थे, जिनके माध्यम से धन जुटाया जा रहा था।