Sunday, November 17, 2024
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10 प्लाटून सीआरपीएफ, 200 अधिकारियों की टीम; ED ने बंगाल के कई शहरों में मारे छापे

टीम ने कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हुगली, आसनसोल, दुर्गापुर, बर्द्धमान समेत कई शहरों में लगभग 12 जगहों पर छापेमारी की। जिसके बाद मामले से जुड़े लोगों और उनके परिचितों में हड़कंप मच गया।

पश्चिम बंगाल में कोयला घोटाले और गो तस्करी मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी/ED) ने राज्य के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बताया, “प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार (जनवरी 11, 2021) को पब्लिक सेक्टर कोल फर्म इस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड(ईसीएल) से अवैध कोयला खनन और चोरी के संबंध में पश्चिम बंगाल के 12 अलग-अलग स्थानों पर व्यापक छापेमारी की।”

जानकारी के अनुसार सोमवार को लगभग 200 अधिकारियों की टीम ने कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हुगली, आसनसोल, दुर्गापुर, बर्द्धमान समेत कई शहरों में लगभग 12 जगहों पर छापेमारी की। जिसके बाद मामले से जुड़े लोगों और उनके परिचितों में हड़कंप मच गया।

लगभग 10 प्लाटून सीआरपीएफ की मदद से सुबह के 10 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ और बाद में ईडी के अधिकारियों ने कोन्नगर में अमित सिंह और संजय सिंह और कोलकाता में गणेश बागाड़िया के घरों की तलाशी भी ली।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीआई ने बंगाल की राजधानी कोलकाता में कई जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें तृणमूल यूथ कॉन्ग्रेस के महासचिव विनय मिश्रा के घर पर भी छापेमारी हुई थी। विनय मिश्रा को ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी का करीबी कहा जाता है। जो लंबे समय से फरार है और इसी कारण सीबीआई उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर चुकी है। इससे पहले जब इस संबंध में दिसंबर में छापेमारी हुई थी। तब टीएमसी नेता के अलावा व्यवसायी अमित सिंह, नीरज सिंह के आवासों पर भी छापे मारे गए थे। हालाँकि, छापे के समय वहाँ कोई मौजूद नहीं था।

अब इस केस में सीबीआई के बाद ईडी का हस्तक्षेप केवल इसलिए है ताकि पता चल सके कि कोयला तस्करी व गो तस्करी के पैसे कहाँ जाते थे? इनके तार किन-किन लोगों से जुड़े हैं?

कथित तौर पर गो तस्करी व अवैध कोयला खनन मामले में कुछ समय पहले कोलकाता के कई व्यवसायियों और नेताओं के नाम सामने आए थे। जिसके बाद सीबीआई की पड़ताल पर टीएमसी ने काफी विरोध किया था। वहीं ममता बनर्जी ने केंद्रीय जाँच एजेंसी द्वारा पश्चिम बंगाल में की गई छापेमारी पर नाराज़गी जताते हुए सवाल खड़े किए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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