बिहार के वैशाली में अचानक गंगा नदी के उफान के बाद एक हाथी ने 1 किलोमीटर तैर कर महावत को सुरक्षित जगह पर पहुँचाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद लोग ‘जय हो गजराज’ बोल कर हाथी की तारीफ़ कर रहे हैं। 1 किलोमीटर तैरने के दौरान हाथी को काफी संघर्ष करना पड़ा और कई बार वो सूँड़ बाहर निकाल कर साँस लेता दिखा, लेकिन किसी तरह उसने अपनी और महावत की जान बचा ली।
ये घटना राघोपुर क्षेत्र की है। मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को अचानक से गंगा नदी में पानी का स्तर बढ़ गया, जिसके बाद होती और महावत भी वहाँ फँस गए। पानी लगातार उफन रहा था। कई बार ऐसा लगा कि हाथी और महावत बह जाएँगे। हाथी ज्यादातर पानी के भीतर ही रहा और बीच-बीच में साँस लेने के लिए सूँड़ बाहर निकालता रहा। इस दौरान महावत उसके ऊपर बैठा रहा। उसने हाथी के कान और गर्दन पकड़े हुए थे, जिससे वो बचा रहा।
उक्त हाथी और महावत बिहार की राजधानी पटना के लिए निकले थे। उन्हें रुस्तमपुर नदी घाट से वहाँ जाना था। रुस्तमपुर पहुँचते ही पीपा पुल के खुलने की बात पता चली। पानी बढ़ जाने से दोनों वहाँ फँस गए, लेकिन महावत ने नदी पार करने की ठान ली। तेज़ धार में भी वो हाथी के साथ उतर गया। बीच में हाथी ने भी महावत का साथ नहीं छोड़ा। नाव से जा रहे अज्ञात लोगों ने इसका वीडियो अपने मोबाइल फोन के कैमरों में कैद कर लिया।
जय हो गजराज! तस्वीर वैशाली के राघोपुर की है. मंगलवार को गंगा नदी में अचानक पानी बढ़ने से राघोपुर क्षेत्र में हाथी के साथ महावत फंस गया.इसके बाद महावत ने हाथी के साथ गंगा पार करने का फैसला लिया. देखिए गजराज ने कैसे अपना फर्ज निभाया है. हाजीपुर से राजा बाबू.Edited by @iajeetkumar pic.twitter.com/tzc1pyISNb
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) July 13, 2022
अब ये सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। हालाँकि, इस नज़ारे को देख कर लोग भी डर गए थे। थोड़ी सी भी चूक होती तो हाथी के साथ-साथ महावत की जान जाने की भी आशंका थी। महावत के पास ज्यादा खाने के सामान भी नहीं थे, इसीलिए उसने नदी पार करने की ठानी। रुस्तमपुर से लेकर पटना स्थित जेठुकी घाट तक हाथी तैरता रहा। लोगों का कहना है कि एक निरीह पशु ने अपना फर्ज निभाया और अपनी जान की परवाह किए बिना एक मनुष्य की जान बचाई।