कर्नाटक के 23 साल के इंजीनियरिंग छात्र फैज रशीद को 5 साल की सजा सुनाई गई है। उसने 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जश्न मनाते हुए फेसबुक पोस्ट किया था। ‘अच्छे व्यवहार’ की दुहाई देकर उसने अदालत से रिहाई की गुहार लगाई थी। लेकिन बेंगलुरु की विशेष अदालत ने यह दलील खारिज करते हुए उसे सजा सुनाई।
अदालत ने सोमवार (31 अक्टूबर 2022) को फैसला सुनाते हुए रशीद पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम(UAPA) की विशेष अदालत के न्यायाधीश गंगाधर ने कहा कि यदि वह जुर्माना भरने में विफल रहता है तो सजा छह महीने और बढ़ा दी जाएगी।
बेंगलुरु के कचरकनहल्ली के रशीद ने कथित तौर पर सिर्फ आतंकी हमले पर भड़काऊ पोस्ट करने के लिए फेसबुक अकाउंट बनाया था। क्राइम ब्रांच ने रशीद को उसके घर के पास एक बेकरी से गिरफ्तार किया था। फेसबुक पोस्ट के बाद उसके खिलाफ बनासवाड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। रशीद शहर के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार शाखा में अपना तीसरा सेमेस्टर कर रहा था। 17 फरवरी, 2019 को गिरफ्तारी के बाद से रशीद न्यायिक हिरासत में परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में बंद था।
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक जीएन अरुण बताया कि विशेष अदालत ने रशीद को आईपीसी की धारा 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना), और यूएपीए की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया है।
रशीद के वकील ने कोर्ट से उसके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उसे रिहा करने का आग्रह किया, लेकिन न्यायाधीश ने इससे साफ़ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ”वह (फैज रशीद) कोई अनपढ़ या सामान्य व्यक्ति नहीं है। अपराध किए जाने के समय वह इंजीनियरिंग का छात्र था। उसने जानबूझकर अपने फेसबुक अकाउंट पर पुलवामा हमले को लेकर पोस्ट किए। उसने पुलवामा हमले के महान बलिदानियों की मौत पर खुशी का इजहार किया। इसलिए आरोपित द्वारा किया गया अपराध इस महान राष्ट्र के खिलाफ और जघन्य है।”
पुलवामा हमले में 40 जवान हुए थे बलिदान
जम्मू-कश्मीर पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमला किया गया था। उस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटक से भरी गाड़ी जवानों की बस से भिड़ा दी थी। इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 40 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी ।