दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान संघों ने अब नई धमकी दी है। किसान संघों ने ताजा चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा नेताओं और मंत्रियों को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे हरियाणा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
अन्य किसान संघ 15 अगस्त की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक करने की योजना बना रहे हैं। टाइम्स नाउ से बात करते हुए, एक किसान नेता ने कहा कि वे राज्य में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे और भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाएँगे। जींद के एक किसान ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, “ये झंडे के लायक नहीं है।”
शनिवार (जुलाई 24, 2021) को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने धमकी देते हुए कहा था, “किसान संसद से किसानों ने गूँगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गाँव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।”
किसान संसद से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे ।#FarmersProtest #FarmersProtest_AtParliament
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) July 24, 2021
पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अब समानांतर संसद चलाने की धमकी दी थी। टिकैत ने यह धमकी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा ‘किसानों’ को केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बाद दी। वहीं, प्रदर्शन स्थल पर तथाकथित किसानों ने विरोध प्रदर्शन कवर करने गए मीडियाकर्मी पर लाठियों से हमला किया।
राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लगभग एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे टिकैत ने कहा, “किसान अपनी संसद चलाएँगे। सदन में किसानों के लिए आवाज नहीं उठाने पर संसद सदस्यों (सांसदों) की उनके निर्वाचन क्षेत्रों में आलोचना की जाएगी।”
इससे पहले टिकैत ने सरकार को धमकाया कि अगर इस बार कानून रद्द नहीं किया गया तो किसानों के ट्रैक्टर लाल किले के अलावा संसद का भी रास्ता जानते हैं। इसके अलावा पंजाब के पटियाला में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर हमला कर दिया था। भाजपा नेताओं ने पुलिस के इशारे पर किसानों के द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसानों के विरोध के दौरान कई लोग पुलिस से भिड़ गए थे, जबकि कई लोग लाल किले में घुस गए थे और वहाँ धार्मिक झंडा भी फहराया था। प्रदर्शनकारी प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के लिए निर्धारित मार्ग से भटक गए और पुलिस पर हमला कर दिया। कई प्रदर्शनकारियों को लाठियों, तलवारों से पुलिसकर्मियों का पीछा करते देखा गया और कई ने अपने ट्रैक्टरों से बसों में टक्कर मार दी।