Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजजंतर-मंतर पर किसानों ने तोड़े पुलिस बैरिकेड: आए पहलवानों का करने समर्थन, लगाए...

जंतर-मंतर पर किसानों ने तोड़े पुलिस बैरिकेड: आए पहलवानों का करने समर्थन, लगाए ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ के नारे

पहलवानों के कथित समर्थकों द्वारा इस तरह की नारेबाजी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले 28 अप्रैल को भी 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' के नारे लग चुके हैं। इसके अलावा मनुवाद से आजादी, आरएसएस से आजादी, ब्राह्मणवाद से आजादी, मोदी सरकार से आजादी जैसे नारे भी सुनाई पड़ चुके हैं।

दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों ने सोमवार (8 अप्रैल 2023) को जमकर हंगामा किया। सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ-साथ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले। यहाँ बीते 16 दिनों से कुछ पहलवान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की माँग को लेकर धरने पर बैठे हैं।

इन पहलवानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के सदस्यों के जंतर-मंतर पहुँचने के वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में पगड़ी लगाए और हाथों में झंडे लिए किसानों को बेरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ते और नारे लगाते देखा जा सकता है।

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य हिम्मत सिंह गुर्जर ने इस प्रदर्शन के कई वीडियो ट्वीट किए हैं। इनमें से एक में बैरिकेड पर चढ़े कथित किसानों को ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी’ के नारे लगाते सुना जा सकता है। एक अन्य ट्वीट में गुर्जर ने लिखा है, “मोदी जी आपकी दिल्ली पुलिस को समझा ले किसानों के साथ पंगा ना ले। अपनी बेटियों का समर्थन करने जाते हुए किसानों को आज फिर पुलिस ने जंतर-मंतर पर बेरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की। वही हुआ जो कल टिकरी बॉर्डर के बैरिकेडों पर हुआ था। बेरिकेड टूटे और किसान अपनी बेटियों से मिलने जंतर-मंतर के धरने पर पहुँचे।”

उल्लेखनीय है कि रविवार (7 मई 2023) को धरना स्थल पर खाप नेताओं ने महापंचायत बुलाई थी। इसमें WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को 21 मई तक का अल्टीमेटम दिया गया था। खाप पंचायत के फैसले को लेकर राकेश टिकैत ने कहा था कि पहलवानों के समर्थन में प्रत्येक खाप सभी रोज अपने 11-11 सदस्यों को जंतर-मंतर भेजेगी। सभी सदस्य दिनभर किसानों के साथ रहेंगे।

वैसे पहलवानों के कथित समर्थकों द्वारा इस तरह की नारेबाजी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले 28 अप्रैल को भी ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ के नारे लग चुके हैं। इसके अलावा मनुवाद से आजादी, आरएसएस से आजादी, ब्राह्मणवाद से आजादी, मोदी सरकार से आजादी जैसे नारे भी सुनाई पड़ चुके हैं। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के साथ पहलवानों के समर्थक बदतमीजी कर चुके हैं

उल्लेखनीय है कि इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (WFI Chief Brij Bhushan Sharan Singh) पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए धरना शुरू किया था। इस संबंध में दिल्ली पुलिस एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। लेकिन धरनारत पहलवानों का कहना है कि जब तक बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती, वे नहीं उठेंगे। इस बीच 4 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए पहलवानों का केस बंद कर दिया था कि उनकी माँग एफआईआर और सुरक्षा की थी जो अब पूरी हो चुकी है। आगे किसी भी प्रकार की शिकायत या माँग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष जाने की सलाह भी दी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -