दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली का सबसे बुरा प्रभाव पुलिसकर्मियों पर पड़ा है। मंगलवार (जनवरी 26, 2021) सुबह से हुई इस हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों की संख्या 109 हो गई है। दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले जारी बयान में इस हिंसा में 83 पुलिसकर्मी घायल होने की बात सामने आई थी, जिनमें से 55 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं। दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी दी। बताया गया कि ये पुलिसकर्मी आईटीओ और लाल किले में किसानों से टकराव के दौरान घायल हुए हैं। पुलिसकर्मियों को एलएनजेपी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। किसानों को काबू करने में लगे पुलिसकर्मी खुद हिंसा का शिकार हो गए। सुबह से चल रही रैली में किसानों ने पूरी दिल्ली को हिला के रख दिया। किसानों के दंगाई रूप ने राजधानी में बवाल मचा दिया।
83 Police personnel were injured after being attacked by agitating farmers in Delhi today: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 26, 2021
दिल्ली के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा कि ट्रैक्टर रैली में पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
#WATCH | Delhi: Joint Commissioner of Police Alok Kumar says, “Additional DCP (East) Manjeet had a close shave as an attempt was made to mow him down”. #FarmersProtest pic.twitter.com/GLWKm7EP6q
— ANI (@ANI) January 26, 2021
वहीं, दिल्ली पुलिस के पीआरओ ईश सिंघल ने बताया कि प्रदर्शनकारी कुछ स्थानों पर हिंसक हो गए। उपद्रवियों के हमले में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। उपद्रवियों ने इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुँचाया। पुलिस ने संयम बरता और जरूरत पड़ने पर ही बल का प्रयोग किया।
#WATCH | Delhi Police PRO Eish Singhal says, “Protesters turned violent at some places. Many police personnel were injured & public properties also damaged. I appeal to protesters to return through the designated routes & maintain peace”. pic.twitter.com/mWbepAH7uq
— ANI (@ANI) January 26, 2021
पीआरओ ईश सिंघल ने कहा, “किसानों के साथ हुई मीटिंग में कुछ रूट तय किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने उसके हिसाब से अपना बंदोबस्त किया। मगर किसान आंदोलनकारी ने इस रूट को नहीं माना। वो तय समय से पहले ही चल पड़े। कई जगह हिंसक घटनाओं को भी अंजाम दिया। जिसमें दिल्ली पुलिस के कई लोग घायल हुए हैं और सार्वजनिक संपत्तियों का भी नुकसान हुआ है। दिल्ली पुलिस ने फिर भी काफी संयम रखा और जरूरत के हिसाब से ही बल का इस्तेमाल किया। अभी भी मेरी किसान प्रदर्शनकारियों से यही अपील है कि वो जो तय रास्ते हैं, उसी से वापस लौट जाएँ और शांति बनाए रखें।”
बता दें कि किसान संगठनों से कई दौर की बातचीत के बाद दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का रूट और समय तय किया गया था। लेकिन किसानों ने समय से पहले ही मनमर्जी से रूट बनाकर ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी और कई जगहों पर हिंसा फैलाई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
सूत्र- 250 बच्चे जो 26 जनवरी की परेड में हिस्सा लेने आए थे, वे लाल क़िले में फँस गए, डरे सहमे बच्चे क़रीब तीन घंटे तक ठिठुरते हुए में छिपे रहे, रोते रहे, बिलखते रहे, आंदोलनकारियों के हुड़दंग को देख डर से काँपते रहे, थोड़ी देर पहले पुलिस ने उन्हें रेस्क्यू किया.#FarmersProstests
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) January 26, 2021
सूत्रों के मुताबिक 250 बच्चे, जो 26 जनवरी की परेड में हिस्सा लेने आए थे, वे लाल क़िले में फँस गए थे, डरे सहमे बच्चे क़रीब तीन घंटे तक ठिठुरते हुए में छिपे रहे, रोते रहे, बिलखते रहे, आंदोलनकारियों के हुड़दंग को देख डर से काँपते रहे, थोड़ी देर पहले पुलिस ने उन्हें रेस्क्यू किया।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी में ट्रैक्टर परेड दौरान कई जगहों पर हिंसा हुई है। किसान तय रूट को ना मानते हुए आईटीओ और लाल किले जा पहुँचे। लाल किले पर कुछ किसानों ने अपना झंडा भी फहरा दिया। जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करते हुए आँसू गैस के गोले दागे।
ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि आज के ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुए शर्तों के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परन्तु आंदोलनकारियों ने तय शर्तों की अवहेलना की और तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और साथ ही आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़-फोड़ का मार्ग चुना, जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ ज़रूरी कदम उठाए। इस आंदोलन से जन संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने रखे बैरिकेड्स को किसानों ने ट्रैक्टर से तोड़ दिया। मध्य दिल्ली में बैरिकेड तोड़ने के साथ ही पुलिस वाहनों को भी किसानों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। आईटीओ में कुछ प्रदर्शनकारी एक पुलिसकर्मी को निर्ममता से पीट रहे थे। इस बीच एक हिस्से ने उस पुलिसकर्मी को बचाया भी। ट्रैक्टर पर बैठे प्रदर्शनकारी ने पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाकर कोशिश की।
आईटीओ में खड़ी सरकारी बसों में तोड़फोड़ की गई। यही नहीं, आईटीओ में ही डीटीसी बस को पलटने का प्रयास हुआ। घोड़े पर बैठे निहंगों ने बैरिकेडिंग तोड़ दिया। इस प्रदर्शन ने किसानों के बेशकीमती ताज पर एक नायाब ‘काला’ अध्याय जोड़ा है। यह सब कुछ हो रहा है लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि सब शांतिपूर्ण चल रहा है।