बाल ‘पर्यावरणविद्’ लिसिप्रिया कँगुजम के पिता कँगुजम कनरजीत उर्फ डॉ. केके सिंह को दिल्ली पुलिस और मणिपुर पुलिस ने सोमवार (मई 31, 2021) को संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया है। कनरजीत को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कनरजीत पर कई लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि करनजीत ने 19 लाख से अधिक राशि की धोखाधड़ी की है। 2015 में, उन्हें मणिपुर में धारा 420 (धोखाधड़ी), 324 (हमला) और 406 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
Special Cell of Delhi Police along with Manipur Police has arrested Dr. KK Singh, who was wanted on charges of cheating and fraud. Singh was wanted by Manipur Police and had a reward of Rs 1 lakh on him
— ANI (@ANI) May 31, 2021
रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने पोरोमपत में एक जगह किराए पर ली थी और क्लब 25 के बैनर तले अपनी गुप्त गतिविधियों को अंजाम दिया था। उसने कथित तौर पर असली मालिक की जानकारी के बिना तीन अलग-अलग व्यक्तियों को बेचा था। कनरजीत को बाद में अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया और तब से वह फरार है।
कनरजीत ने बेटी लिसिप्रिया कँगुजम को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाने के लिए उसकी नकली उपलब्धियों को भी गढ़ा गया था। बाल ‘पर्यावरणविद्’ कँगुजम लगभग हर चीज का विरोध करती है। तकरीबन हर मुद्दे पर विरोध करके ही उसने अपना करियर बनाया है। ट्विटर पर उसका वेरिफाइड हैंडल भी है, हालाँकि, उसके प्रोफाइल को देख कर ऐसा लगता है कि वह इसका इस्तेमाल खुद नहीं करती है।
लिसिप्रिया 8-9 वर्ष की बच्ची है, जिसे उसके अभिभावकों द्वारा ‘पर्यावरणविद्’ के रूप में पेश किया जा रहा है। इस बच्ची के नाम पर ट्विटर हैंडल चलाने वाले उसके अभिभावकों को कई बार झूठ फैलाते हुए पकड़ा गया है। बच्ची ने NEET-JEE के उम्मीदवारों के लिए 3 पेज का खत भी लिखा था। उसका पूरा टाइमलाइन परीक्षा के खिलाफ ट्वीट से भरा हुआ है। यह विश्वास करना काफी मुश्किल है कि 8-9 साल की बच्ची इस तरह का प्रोपेगेंडा चलाने के बारे में सोच सकती है।
अप्रैल 2019 में, लिसिप्रिया ने दावा किया था कि वह ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण’ (‘Disaster Risk Reduction’) के लिए ‘वैश्विक संयुक्त राष्ट्र सत्र’ को संबोधित करने के लिए जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जा रही हैं। इसे न्यूज़ बनाकर बड़े पैमाने पर रिपोर्ट किया गया था और लिसीप्रिया को सोशल मीडिया पर ‘भारत को गौरवान्वित करने’ के लिए बधाई दी गई थी। हालाँकि, बाद में यह दावा फर्जी निकला, जब इम्फाल फ्री प्रेस ने न सिर्फ यह खुलासा किया कि संयुक्त राष्ट्र ने उसे आमंत्रित नहीं किया था, बल्कि उनके पिता को भी एक कथित ठग बताया था।
इंफाल फ्री प्रेस की एक जाँच से पता चला है कि लिसिप्रिया का ‘यूएन आमंत्रण’ उसके पिता कँगुजम कनरजीत द्वारा रची गई फर्जी कहानी थी। आईएफपी को समाचार पर संदेह हुआ क्योंकि जब उन्होंने दावों की जाँच की, तो संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम से पता चला कि प्रतिनिधियों के लिए पंजीकरण जारी था और वक्ताओं के नाम की पुष्टि तब तक नहीं हुई थी। कनरजीत कँगुजम पर आयोजन समितियों के नाम पर धन इकट्ठा करने, भूकंप पीड़ितों के लिए राहत और अन्य तरीकों से धन इकट्ठा करने का आरोप है।