अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह (22 जनवरी, 2024) में दिल्ली के एक प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने भाग लिया। इस समारोह में शामिल होने के लिए इलियासी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने आमंत्रित किया था। इलियासी ने इस समारोह में भाग लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सद्भाव और भाईचारे की मिसाल पेश की थी।
हालाँकि, इलियासी के इस कदम को कुछ मुस्लिम संगठनों ने पसंद नहीं किया। इन संगठनों ने इलियासी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। वे मानते हैं कि एक मुस्लिम को किसी अन्य धर्म के मंदिर में नहीं जाना चाहिए। इलियासी के राम मंदिर में जाने से इन संगठनों को लगा कि इलियासी ने इस्लाम के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। इन संगठनों का कहना है कि इलियासी का अयोध्या जाना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने वाले दिल्ली के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी के खिलाफ एक फतवा भी जारी किया गया है। फतवा में इलियासी को ‘देशद्रोही’ बताया गया है और कहा गया है कि उन्होंने इस्लाम के खिलाफ काम किया है।
फतवा में इलियासी को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने भविष्य में ऐसा कोई कार्य किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इलियासी ने फतवा जारी होने के बाद कहा, “जो लोग मुझसे नफरत करते हैं, उन्हें पाकिस्तान जाना चाहिए। मैं एक भारतीय नागरिक हूँ और मैं अपने देश की संस्कृति और धर्मों का सम्मान करता हूँ।”
अपने खिलाफ जारी फतवा को लेकर उमेर अहमद ने कहा, “मुख्य इमाम के रूप में मुझे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से निमंत्रण मिला था। दो दिन तक विचार करने के बाद मैंने अयोध्या जाने का फैसला किया था। फतवा भले ही अब जारी किया गया हो, लेकिन मुझे 22 जनवरी की शाम से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने कुछ कॉल रिकॉर्ड किए हैं, जिनमें कॉल करने वालों ने मुझे जान से मारने की धमकियाँ दी हैं। जो लोग मुझे और देश से प्यार करते हैं, वो मेरा समर्थन करेंगे। जो लोग समारोह में शामिल होने की वजह से मुझसे नफरत करते हैं, वो पाकिस्तान चले जाएँ। मैंने प्यार का पैगाम दिया है। कोई गुनाह नहीं किया। मैं माफी नहीं माँगूँगा और न ही इस्तीफा दूँगा। धमकी देने वाले जो चाहें कर सकते हैं।”
वीएचपी ने की फतवे की आलोचना
इस मामले में वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इलयासी के खिलाफ फतवा जारी करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उनका राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना कुछ जिहादी कट्टरपंथी मुफ्तियों को रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि मुफ्तियों के एक ग्रुप द्वारा उनके विरुद्ध फतवा जारी किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय दुष्कृत्य है।