कुरान की कुछ आयतों को ‘हिंसा को बढ़ावा देने वाला’ बता कर सुप्रीम कोर्ट में उन्हें हटाने के लिए याचिका दायर की गई है। इस याचिका को दायर करने वाले शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी हैं।
वसीम रिजवी लेकिन अब फँस गए हैं। उनके खिलाफ मौलानाओं व कट्टरवादियों का आक्रोश आसमान छूने लगा है। मुरादाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अमीरुल हसन जाफरी ने शनिवार (मार्च 13, 2021) को एक कार्यक्रम में उनका सर काट कर लाने पर 11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की।
उन्होंने आईएमए सभागार में चल रहे रहत मौलाई कौमी एकता प्रोग्राम के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि जो भी वसीम रिजवी का सिर क़लम कर के ले आएगा, उसे 11 लाख रुपए का इनाम मिलेगा। कार्यक्रम के दौरान लोगों के सामने उन्होंने मंच से खुलेआम ये घोषणा की।
अमीरुल हसन जाफरी ने ऐलान किया कि सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतें हटाने के लिए जो याचिका दायर की गई है, उसकी वो मजम्मत (भर्त्सना) करते हैं। उन्होंने कहा कि घोषित इनाम की व्यवस्था वह अपने पास से और बार एसोसिएशन के लोगों के माध्यम से एकत्र करेंगे और अगर इसके बाद भी रकम कम पड़ जाती है तो वो अपनी औलाद को बेच देंगे, लेकिन वसीम रिजवी का सिर क़लम करने वाले को पूरा इनाम देकर रहेंगे।
राहत मौलाई के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कौमी एकता कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शहर के कई गणमान्य लोगों के सामने ये ऐलान किया। अमीरुल हसन जाफरी के बारे में खास बात ये है कि वो कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता भी हैं।
पुलिस अधीक्षक नगर अमित आनंद का कहना है कि इस मामले में अभी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि शिकायती पत्र मिलने पर जाँच की जाएगी। उधर लखनऊ में शिया-सुन्नी उलेमाओं ने वसीम रिजवी की निंदा की और संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी किया।
Hindu’s it’s time to stand with Waseem Rizvi #मैं_वसीम_रिज़वी_के_साथ_हूँ pic.twitter.com/n2mZyPGmRI
— माया यादव (@Mayayadavbjp) March 14, 2021
टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान रहमानी नदवी ने रिजवी को इजरायल का एजेंट करार दिया। मौलाना डॉक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि वसीम रिजवी मुस्लिम समाज का हिस्सा नहीं हैं और उन्हें कभी माफ़ नहीं किया जा सकता।
दोनों ने रिजवी को मुस्लिम समाज से बेदखल करने का फतवा जारी किया। उन्होंने कहा कि रिजवी ने हमेशा मुस्लिम समाज को बदनाम करने का कार्य ही किया है। सोशल मीडिया पर कइयों ने ‘मैं वसीम रिजवी के साथ हूँ’ तो कइयों ने ‘अरेस्ट वसीम रिजवी’ ट्रेंड कराया।
बता दें कि शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि इन 26 आयतों में से कुछ आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं जिन्हें बाद में शामिल किया गया।
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुरान से एक हर्फ भी नहीं हटाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मौलाना सैफ अब्बास और मौलाना सुफियान निजामी ने भी वसीम रिजवी के इस कृत्य की कड़ी आलोचना की है।