अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के कारण चर्चा में है। बाबरी विध्वंस की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एएमयू के दो छात्रों ने पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को लेकर आपत्तिजनक पोस्टर तैयार किया। उस पोस्टर में बाबरी मस्जिद को आडवाणी के सिर के रूप में दिखाया गया। दोनों छात्रों पर मामला दर्ज कर लिया गया है। स्थानीय भाजपा नेता प्रतीक चौहान की शिकायत के बाद पुलिस ने सरजील उस्मानी और तल्हा मन्नन ख़ान के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की। 6 दिसंबर को पुलिस पूरी तरह सतर्क थी और डिजिटल मीडिया पर भी सक्रीय थी, फिर भी दोनों छात्रों ने आपत्तिजनक पोस्टर शेयर किए।
इन दोनों छात्रों ने एएमयू के कैनेडी हाउस लॉन में बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 27वीं बरसी पर विरोध दर्ज कराने के लिए सभा आयोजित की थी। दोनों के ख़िलाफ़ आईटी एक्ट धारा 153 ए (धर्म, मूलवंश, भाषा, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाने और आपसी सौहार्द्र भंग करने वाला कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय भाजयुमो नेताओं ने कहा कि इन छात्रों ने पूर्व उप-प्रधानमंत्री आडवाणी का अपमान किया है।
भाजयुमो नेता प्रतीक चौहान ने कहा कि ‘शौर्य दिवस’ से पहले हुई बैठक में पुलिस ने लोगों से कहा था कि वो ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे सामाजिक सौहार्द को ख़तरा हो। भाजयुमो नेताओं ने कहा कि क़ानून-व्यवस्था भंग न हो, इसके लिए उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। साथ ही उन्होंने पूछा कि एएमयू के छात्रों द्वारा बाबरी विध्वंस की बरसी पर सभा आयोजित करने का औचित्य क्या था? आरोपित उस्मानी ने बताया कि उनलोगों को धमकाने के लिए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उस्मानी ने कहा कि वो लोग नहीं चाहते हैं कि मुस्लिम बाबरी मस्जिद को याद रखें।
Two students of the Aligarh Muslim University have been booked by the police for sharing an objectionable social media post related to the #BabriMasjid demolition with a picture of senior BJP leader L.K. Advani.https://t.co/n43VNVEmhb
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) December 8, 2019
उस्मानी ने कहा कि बाबरी विध्वंस को वो लोग न तो भूल सकते हैं और न ही इसमें शामिल लोगों को माफ़ कर सकते हैं। ‘आउटलुक’ के साथ बातचीत में आरोपित ने कहा कि उसने जब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, तब से ही ऐसी सभाओं का आयोजन करता रहा है। उसने बताया कि ‘शौर्य दिवस’ के दिन हुई बैठक को उसके और तल्हा खान के अलावा 5 लोगों ने सम्बोधित किया, जिसमें सभी एएमयू के ही छात्र थे। साथ ही उसने कहा कि इस कार्यक्रम का पोस्टर उसने नहीं तैयार किया था बल्कि उसने तो सिर्फ़ उस पोस्टर को एडिट कर के उसमें कर्यक्रम के स्थान और समय के बारे में बताया था।
फिर उस्मानी ने पूछा कि अगर मान भी लिया जाए कि आडवाणी की वो तस्वीर उसने ही बनाई, फिर भी उसने क्या ग़लत किया? आरोपित ने दावा किया कि उसने ऐसा कर के कुछ भी ग़लत नहीं किया है। वहीं दूसरे आरोपित तल्हा ने कहा कि सोशल मीडिया पर भी अपने विचार रखने से उन्हें रोका जा रहा है। उसने कहा कि पोस्टर शेयर करना अपराध नहीं है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।