कुरान की 26 आयतों को ‘हिंसक’ बता कर उन्हें हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने के खिलाफ हर जिले में FIR दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। पसमांदा मुस्लिम समाज ने भी उनके बयान का विरोध किया है। समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने कहा कि कुरान-ए-पाक की आयतों को हटाने की माँग करने का अर्थ है इस्लाम से बगावत।
अनीस मंसूरी ने कहा कि जो कुरान की सत्यता और पवित्रता पर शक करते हैं, उनका इस्लाम से कोई लेनादेना नहीं। उन्होंने बताया कि उनका संगठन हर जिले में वसीम रिजवी के खिलाफ इस्लाम को बदनाम करने और माहौल बिगाड़ने की साजिश के तहत FIR दर्ज कराएगी।
तालकटोरा में स्थित कर्बला में बनी वसीम रिजवी की हयाती कब्र को तोड़ डाला गया है। इस संबंध में विरोध करने पर कर्बला के मुतवल्ली फैजी की जम कर पिटाई की गई। इस मामले में तालकटोरा थाने में मामला दर्ज कर के आगे की कार्रवाई की जा रही है।
एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले वसीम रिजवी एक शिया मुस्लिम हैं। उनके पिता रेलवे में कर्मचारी थे, जिनकी मौत तभी हो गई थी, जब वसीम 6ठी कक्षा में थे। रिजवी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनकी माँ ने सभी भाई-बहनों का पालन-पोषण किया। अब उनके छोटे भाई ने कहा है कि परिवार का वसीम से कोई लेनादेना नहीं।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NMC) ने वसीम रिजवी से बिना शर्त माफ़ी माँगने को कहा है। NCM ने उन्हें नोटिस भेजी है। संस्था के उपाध्यक्ष आतिफ रसीद ने कहा कि उन्होंने काफी भड़काऊ, आपत्तिजनक और पूर्वग्रह से ग्रसित बयान दिया है। संस्था ने कहा कि उनका बयान एक विशेष समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला है और शांति-व्यवस्था में बाधक है। 4 लोगों की शिकायत के बाद ये नोटिस भेजी गई।
OMG! My friend @FDW_VB supporting mr. #WaseemRizvi . Thank you Filip sir 🙏
— Ach. Ankur Arya (@AchAnkurArya) March 15, 2021
World wants some more brave heart like you. 🙏 https://t.co/6Uc1dv0sjr
नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद वसीम रिजवी की राजनीति में एंट्री हुई और फिर उन्होंने शिया वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य से लेकर अध्यक्ष पद तक का सफर तय किया। रिजवी ने बाबरी ढाँचा को हिंदुस्तान की धरती पर कलंक बताया था और 9 विवादित मस्जिदें हिन्दुओं को देने की बात कही थी।
वसीम रिजवी वही हैं, जिन्होंने चाँद-तारे वाले झंडे को इस्लाम का नहीं, मुस्लिम लीग का झंडा बताया था। उन्होंने कहा था कि मोहम्मद साहब अपने कारवाँ में काले और हरे झंडों का प्रयोग करते थे।
उन्होंने इस्लामी मदरसों को बंद कर देने की माँग करते हुए कहा था कि वहाँ आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा था कि मदरसों में आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है और आधुनिक शिक्षा से उसका कोई वास्ता नहीं।
मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या पर टिप्पणी करते हुए वसीम रिजवी ने कहा था कि जानवरों की तरह बच्चे पैदा करने से देश का नुकसान होता है। अब उन्होंने कहा है कि कुरान पढ़ाने से हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है।
हाल ही में मुरादाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अमीरुल हसन जाफरी ने रिजवी का सर काट कर लाने पर 11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि घोषित इनाम की व्यवस्था वह अपने पास से और बार एसोसिएशन के लोगों के माध्यम से एकत्र करेंगे और अगर इसके बाद भी रकम कम पड़ जाती है तो वो अपनी औलाद को बेच देंगे, लेकिन वसीम रिजवी का सिर क़लम करने वाले को पूरा इनाम देकर रहेंगे।