पत्रकार और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन पर ट्वीट के जरिए दलितों और समुदाय विशेष को अमेरिका जैसे दंगे भारत में करने के लिए उकसाने का आरोप है।
पटेल ने ट्वीट कर कहा था कि देश का समुदाय विशेष और दलित उसी तरह का विरोध प्रदर्शन करें जैसा अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद से चल रहा है।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार आकार पटेल के खिलाफ में बेंगलुरु के जेसी नगर पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर नागराजा डीआर द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें पटेल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पूरे भारत में अमेरिका की तरह के विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भड़काने और उकसाने की कोशिश की।
दरअसल 31 मई को आकार पटेल ने कोलोराडो टाइम्स रिकॉर्डर के एक ट्वीट के हवाले से एक ट्वीट किया था, जिसमें अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों का एक वीडियो शेयर किया गया था। इस वीडियो के साथ ट्वीट में आकार पटेल ने लिखा था कि भारत के समुदाय विशेष, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और गरीबों को भी इनकी तरह विरोध-प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। इसे दुनिया देखेगी। प्रदर्शन करना भी एक कला है।
वीडियो में आप देख सकते हैं कि हजारों की संख्या अमेरिका के नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में जमीन पर लेटे हुए हैं और ये प्रदर्शनकारी अपने हाथों को पीछे लगाकर “मैं साँस नहीं ले सकता” की आवाज लगाते हुए सुनाई दे रहे हैं।
नागराजा द्वारा पुलिस में की गई शिकायत में कहा गया है कि पटेल ने अल्पसंख्यकों, पिछड़ों, गरीबों और महिलाओं से आह्वान किया कि वे वीडियो में देखे गए लोगों की तरह विरोध-प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने पटेल के ट्वीट पर आपत्ति भी जताई थी।
अब आकार पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (1)(बी), धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से गलत तरीके से उकसाना) और धारा 117 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि साइबर क्राइम पुलिस और राज्य के खुफिया अधिकारी अमेरिका में हिंसक विरोध प्रदर्शन में लिप्त लोगों की प्रतिक्रियाओं पर नजर रखे हुए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि वह मामले की जाँच में जुटे हुए हैं।
हालाँकि आकार पटेल द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में एक शांतिपूर्ण विरोध दिखाया गया था। लेकिन अमेरिका में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों में हिंसा, दंगा, आगजनी और लूटपाट जमकर हुई है। आपको बता दें कि मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की की कथित हत्या के बाद बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हुए, लेकिन बाद में ये हिंसा और दंगों में तब्दील हो गए।
इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीमों पर भी हमला किया है। ऐतिहासिक स्थानों सहित पुलिस वाहनों को निशाना बनाते हुए उग्र प्रदर्शनकारियों ने दुकानों को लूटा और कई घरों व सार्वजनिक संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।
इसके बाद से भारत में वाम उदारवादी समुदाय विशेष से इसी तरह के हिंसक विरोध-प्रदर्शनों का आह्वान कर रहे हैं। इसे देखते हुए अमेरिका में हुई हिंसा की तर्ज पर भारत में हिंसा को उकसाने वाली पोस्टों को लेकर सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हो गई हैं।
अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे पर प्रतिक्रिया देते हुए आकर पटेल ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि मुझे नहीं लगता कि यह मामला दर्ज किया जाना चाहिए था। मुझे नहीं लगता इस केस में कुछ आगे हो सकेगा।