बिहार में फसल सुरक्षा के लिए सरकार ने नीलगायों को सशर्त मारने की इजाजत दी है। इस आदेश के आने के बाद बिहार के वैशाली में ही सिर्फ 4 दिनों के भीतर 300 से ज्यादा नीलगाय मारे जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वन विभाग ही इस काम को अंजाम दे रहा है। एक अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि फसलों की सुरक्षा के लिए नीलगायों को मारना एक जरूरी काम है।
3 चरण में मारने की प्रकिया
वन संरक्षक ने वैशाली जिले के 3 प्रखंडों में नीलगायों का शिकार कर उन्हें निर्धारित प्रक्रिया से दफ़नाने का निर्देश दिया। लेकिन, आदेश का पालन करते समय वन विभाग के कर्मचारियों ने नीलगायों को जिंदा दफनाना शुरू कर दिया।
Nilgai नील”गाय” buried alive in #Bihar #India
— Aditya Joshi (@AdityajWildlife) September 4, 2019
The greatness of a nation can be judged by the way its animals are treated~#MahatmaGandhi#AnimalCruelty@BiharForestDept @Manekagandhibjp@PetaIndia @narendramodi @ParveenKaswan @SanctuaryAsia@BiharPoliceCGRC @moefcc pic.twitter.com/ScCz9ZxJZW
जिले के वन विभाग ने पिछले 4 दिनों में 300 से ज्यादा नीलगाय को मारने का दावा किया है। लेकिन सामने आ रहे वीडियो और तस्वीरों से बेहद हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई है। वीडियो में जेसीबी मशीन द्वारा ज़िंदा नीलगाय को गड्ढे में धकेलने के बाद दफ़न किया जा रहा है।
इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक नीलगाय को पहले गोली मारी गई, लेकिन वह मरी नहीं। इसके बाद जिंदा ही उसे जेसीबी की मदद से एक गड्ढे में दफना दिया गया। घटना 1 सितंबर की है। मामला सामने आने के बाद 3 सितंबर को जाँच के आदेश दिए गए।
वैशाली वन प्रमंडल प्राधिकारी का कहना है कि जानवर को मारने के बाद दफनाने की प्रक्रिया है। अगर जाँच में वीडियो सही पाया जाता है तो सम्बंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।