भारत में चुनाव नियमों को सख़्ती से लागू करवाने के लिए मशहूर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का रविवार (10 नवंबर) को निधन हो गया। 87 वर्षीय शेषन ने कार्डियक अरेस्ट के बाद चेन्नई में अंतिम साँस ली। भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का पूरा नाम तिरुनेलै नारायण अय्यर शेषन था। वह 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक इस पद पर रहे। उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में कई बदलाव किए। मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत भी भारत में उन्हीं के द्वारा शुरू की गई थी। 1996 में उन्हें रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
Tamil Nadu: Former Chief Election Commissioner of India, T N Seshan passed away in Chennai, after a cardiac arrest. https://t.co/sfyRzjNFJT
— ANI (@ANI) November 10, 2019
शेषन के बारे में यह बात प्रसिद्ध थी कि ‘राजनेता सिर्फ़ दो लोगों से डरते हैं, एक भगवान और दूसरे शेषन’। देश में चुनाव व्यवस्था में शुचिता, पारदर्शिता लाने का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “टीएन शेषन एक उत्कृष्ट सिविल सेवक थे। उन्होंने अत्यंत परिश्रम और निष्ठा के साथ भारत की सेवा की। चुनावी सुधारों के प्रति उनके प्रयासों ने हमारे लोकतंत्र को मजबूत और अधिक सहभागी बनाया है। उनके निधन का दुख है। ओम शांति।”
Shri TN Seshan was an outstanding civil servant. He served India with utmost diligence and integrity. His efforts towards electoral reforms have made our democracy stronger and more participative. Pained by his demise. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 10, 2019
पीएम मोदी के अलावा, गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
Saddened by the demise of former Chief Election Commissioner, Shri T N Seshan ji. He played a transformative role in reforming and strengthening India’s electoral institution. The nation will always remember him as a true torchbearer of democracy. My prayers are with his family.
— Amit Shah (@AmitShah) November 10, 2019
Saddened by the demise of Shri TN Seshan. He was a true legend.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 10, 2019
His contribution towards election reforms will be the guiding light for years to come. My deepest condolences. Om Shanti!
बता दें कि भारत में चुनाव व्यवस्था में जब-जब सुधार की बात की जाएगी, तब-तब शेषन को याद किया जाएगा। वास्तव में वे ही थे, जिन्होंने चुनाव आयोग की तस्वीर बदल दी थी। चुनाव संबंधी नियमों को कड़ाई से लागू करवाने के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव किसी को नहीं बख़्शा था।
टीएन शेषन पहले ऐसे चुनाव आयुक्त थे जिन्होंने बिहार में पहली बार चार चरणों में चुनाव करवाया था। इस दौरान उन्होंने मात्र गड़बड़ी की आशंका होने पर ही चारों बार चुनाव की तारीखें बदल दी थी। साथ ही बूथ कैप्चरिंग के लिए बिहार में उन्होंने अर्धसैनिक बल की तैनाती भी कर दी थी। इसके अलावा, चुनाव प्रचार के दौरान खर्च पर अंकुश लगाने की शुरुआत भी उन्होंने ही की थी।
जानकारी के अनुसार, शेषन जब नए-नए मुख्य चुनाव आयुक्त बने थे, उस दौरान पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि आयोग में कोई काम तो होता नहीं तो वो करते क्या हैं? इस पर उन्होंने कहा था कि वह अपने ऑफ़िस में बैठकर क्रॉसवर्ल्ड पजल्स खेलते हैं।
बता दें कि शेषन के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले चुनाव आयोग की छवि बहुत अच्छी नहीं थी। मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले शेषन ने कई मंत्रालयों में काम किया और वो जहाँ भी गए उस मंत्री और मंत्रालय की छवि सुधर गई। मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभालने से पहले 1989 में वह देश के 18वें कैबिनेट सचिव के पद पर थे।